Haryana New: फिर बिगडा लिंगानुपात, एक लाख ईनाम का कोई असर नहीं

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Haryana New : कन्या भ्रूण हत्या पर रोक व बार बार लोगो को जागरूक करने के बावजूद एक दो नही बल्कि 11 जिलों में लिंगानुपात बिगड़ गया। एक ​बार फिर बिगडे लिंगानुपात से स्वास्थ्य विभाग की नींद उडा दी है। सबसे अहम बात यह है कि कन्या भ्रूण हत्या वालो की सूचना देने वालो को एक लाख ईनाम देने के बावजूद आंकडा नहीं बढ पा रहा है।

 

पडोसी राज्य बने बाधक: विभाग की माने तो लिंगानुपात मे हर साल सुधार हो रहा था। लेकिन पिछले साल की तुलना मे इस बार फिरा लिंगानुपात का आंकडा बिगड गया है। ​लिंगानुपात पर पड़ोसी राज्य पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली में संचालित रैकेट फिर से रोड़े अटकाने लगे हैं। Haryana New

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लिंगानुपात में आई गिरावट: विभाग के प्रयासों के बावजूद पड़ोसी प्रदेशों में भ्रूणलिंग जांच और भ्रूणहत्या का खेल थमने का नाम नहीं ले रहा। इस साल 11 जिलों में लिंगानुपात बिगड़ गया। खासकर जीटी रोड बेल्ट पर पड़ते कुरुक्षेत्र और करनाल, राजस्थान से लगते रेवाड़ी, दिल्ली से सटे फरीदाबाद और पंजाब-राजस्थान के समीप स्थित हिसार में लिंगानुपात में 27 से 29 अंकों की गिरावट आई है।

 

दलालो की सैंटिंग तगडी
हरियाणा की स्वास्थ्य टीमों द्वारा पड़ोसी जिलों में बड़े स्तर पर छापामारी अभियान के बावजूद स्थानीय स्तर के अधिकारी आरोपित डाक्टरों और दलालों को बचा ले जाते हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल और स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज भी पड़ोसी प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों के समक्ष कई बार यह मुद्दा उठा चुके हैं।

हाल ही में दिल्ली में जिस तरह लिंग जांच और भ्रूणहत्या के मामले उजागर हुए, उससे साफ है कि हरियाणा के दलालों का नेटवर्क दूसरे राज्यों में कितनी गहराई तक जड़े जमाए हुए है। यही कारण की हरियाणा केस दूसरे राज्यो में पहुंच रहे है।Haryana New

पिछले साल से इनता बढा लिंगानुपात-प्रदेश स्तर पर लिंगानुपात में सुधार लगातार जारी है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार हरियाणा का लिंगानुपात (एसआरबी) 916 पहुंच गया है। पिछले साल के मुकाबले प्रति एक हजार पुरुषों पर दो बेटियां ज्यादा जन्मीं। वर्ष 2021 में लिंगानुपात 914 था।

 

हरियाणा के लिंगानुपात पर एक नजर
साल लिंगानुपात
2015 876
2016 900
2017 914
2019 923
2020 922
2021 914
2022 916

 

सूचना देने वाले को एक लाख का इनाम Haryana New

भ्रूणहत्या और लिंग जांच रोकने को लेकर पिछले छह वर्षों में 875 से अधिक एफआइआर दर्ज की जा चुकी हैं। इस दौरान उत्तर प्रदेश, पंजाब, दिल्ली, राजस्थान और उत्तराखंड में छापामारी करते हुए 225 केस दर्ज कराए गए और तीन हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया। लिंगानुपात सुधारने में मुखबिर प्रोत्साहन योजना भी कारगर रही है जिसके तहत लिंग जांच की जानकारी देने वाले मुखबिर को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाता है।