Best24news, Haryana: हरियाणा मे मांगो को लेकर रोडवेज कर्मचारी दो दिन हडताल पर रहे। दो दिवसीय हड़ताल के दौरान बसें चलवाने के लिए कोई ठोस प्रयास न करने के चलते पांच जीएम पर गाज गिर गई है।
सरकार ने फरीदाबाद, पलवल, सिरसा और दादरी डिपो के रोडवेज जीएम को चार्जशीट किया है।
परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा पांचों डिपो के जीएम की कार्यप्रणाली से काफी नाराज हैं।
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हडताल के दिन महज ये बसे चली
फरीदाबाद में 28 मार्च को 7 और 29 मार्च को 5 बसें , चरखी दादरी में 28 मार्च को 16 व 29 मार्च को मात्र 8 बसों का संचालन हुआ। पलवल में 28 मार्च को 8 व 29 मार्च को 11 बसें ही सड़कों पर उतरीं। सिरसा में 28 मार्च को 18 व 29 मार्च को 26 बसों का ही संचालन हो पाया। हिसार में 28 मार्च को 43 व 29 मार्च को 27 बसें ही चल पाईं।
परिवहन मंत्री ने बताया कि लचर कार्यप्रणाली को देखते हुए फरीदाबाद के जीएम राजीव नागपाल, सिरसा के आरएस पुनिया, पलवल के सुरिंदर सिंह और चरखी दादरी के जीएम देवदत्त को चार्टशीट कर दिया है।
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इन्हें अपने ऊपर लगे आरोपों के जवाब देने होंगे। जवाब संतोषजनक जवाब न मिलने पर सरकार इनके विरुद्ध अंडर रूल-7 कार्रवाई करेगी। जिसमें भविष्य में पदोन्नति व इंक्रीमेंट रोका जा सकता है। सरकारी कार्य में लापरवाही बरतने और कर्मचारियों से मिलीभगत उजागर होने पर निलंबन और बर्खास्तगी का भी प्रावधान है।
एचसीएस अधिकारी को विभाग सीधे चार्जशीट नहीं कर सकता, इसलिए मुख्य सचिव से सिफारिश की है। जिन कर्मचारियों ने हड़ताल के दौरान गलत आचरण किया, एफआईआर दर्ज करवाकर उन्हें गिरफ्तार करवाया जाएगा। विभाग स्तर पर निलंबन की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
नकारा जीएम नहीं पसंद नही: मूल चंद
परिवहन मंत्री मूल चंद शर्मा ने कहा कि कुछ जिलों के नकारा जीएम लड़ाई लड़ने लायक नहीं हैं। चालक-परिचालकों से तालमेल बनाकर बसें चलवानी चाहिए थीं। न के बराबर बसें चलने के लिए जीएम पूरी तरह दोषी हैं। कर्मचारी हड़ताल करें, कोई आपत्ति नहीं लेकिन हुड़दंग बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
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कर्मचारी अपनी मांगों को शिष्टाचारपूर्वक मुख्यमंत्री और उनके समक्ष रख सकते हैं। हड़ताल के दौरान बसें न चलने देने से जनता को बड़ी परेशानी हुई है। लोगों को निजी वाहन लेकर दूसरे राज्यों में जाना पड़ा। यह असहनीय है।