Republic Day: हरियाणा की झांकी का थीम ‘विरासत और विकास’

हरियाणा की झांकी इस बार 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बार फिर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखाई देगी। इस बार की झांकी का थीम “समृद्ध हरियाणा, विरासत और विकास” रखा गया है
Haryana Republic Day

Republic Day: हरियाणा की झांकी इस बार 76वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर एक बार फिर दिल्ली के कर्तव्य पथ पर दिखाई देगी। इस बार की झांकी का थीम “समृद्ध हरियाणा, विरासत और विकास” रखा गया है, जो प्रदेश की यात्रा को उजागर करता है। यह झांकी हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर, प्रौद्योगिकी के माध्यम से प्रगति और खेलों में हासिल की गई उपलब्धियों को दर्शाएगी।

भगवान श्री कृष्ण का उपदेश

झांकी की शुरुआत भगवान श्री कृष्ण के उस ऐतिहासिक दृश्य से होगी, जब उन्होंने कुरुक्षेत्र के ज्योतिसर में अर्जुन को भगवद गीता का उपदेश दिया था। इस दृश्य में भगवान कृष्ण अर्जुन को जीवन के सही मार्ग पर चलने का संदेश देंगे, जो हरियाणा की सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक महत्व को उजागर करेगा। यह दृश्य हरियाणा के इतिहास और संस्कृति के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां पर श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया था।

हांसी-खोर के साथ विकास

झांकी के मध्य भाग में, हरियाणवी कारीगरों द्वारा तैयार किए गए विभिन्न हस्तशिल्पों का प्रदर्शन किया जाएगा। एक हांसी-खोर (गांव का बैल गाड़ी) का चित्रण किया जाएगा, जिसमें हरियाणा के पारंपरिक शिल्प कला को प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें सरकंडा शिल्प, चमड़े के जूते, पंजा दारी, चोप, बाघ, फूलकारी, रेवाड़ी के पीतल के बर्तन, सुराही और मटके जैसी कृतियां दिखाई जाएंगी। यह दृश्य हरियाणा के शिल्पकला और उसके ग्रामीण जीवन को प्रदर्शित करेगा।

Haryana Republic Day

आधुनिकता और प्रौद्योगिकी की प्रगति

झांकी के मध्य भाग में एक और दृश्य दिखाया जाएगा, जिसमें एक हांसी-खोर लैपटॉप पर काम करते हुए दिखाई देगा। यह दृश्य हरियाणा की प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हुए विकास को उजागर करेगा। इस दृश्य के माध्यम से यह संदेश दिया जाएगा कि हरियाणा न केवल अपनी सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित कर रहा है, बल्कि प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी उन्नति कर रहा है। यह दृश्य हरियाणा की डिजिटल साक्षरता, तकनीकी शिक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी के उपयोग की दिशा को दर्शाएगा।

पैरालंपिक खिलाड़ियों की उपलब्धि

झांकी के अंतिम हिस्से में गुरुग्राम के गगनचुंबी इमारतों का चित्रण किया जाएगा, जहां पांच पैरालंपिक खिलाड़ी दिखाई देंगे। यह दृश्य हरियाणा के शहरीकरण और सार्वजनिक-निजी साझेदारी के मॉडल को प्रदर्शित करेगा। इन इमारतों पर पांच पैरालंपिक खिलाड़ियों का चित्रण होगा, जिनमें नितेश कुमार, हरविंदर सिंह, योगेश काथुनिया, अरुणा और तरुण शामिल होंगे। ये खिलाड़ी न केवल हरियाणा, बल्कि भारत का नाम दुनिया भर में रोशन कर चुके हैं। इन खिलाड़ियों ने अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं, ओलंपिक, पैरालंपिक और कॉमनवेल्थ खेलों में देश के लिए कई पदक जीते हैं। हरियाणा का योगदान भारत के कुल पदकों में 30 प्रतिशत से अधिक है।

हरियाणा की प्रगति का प्रतीक

हरियाणा की इस झांकी में दिखाए गए दृश्य केवल प्रदेश की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहर का प्रदर्शन नहीं हैं, बल्कि यह प्रदेश के समग्र विकास की कहानी भी कह रहे हैं। झांकी में भगवान श्री कृष्ण का उपदेश, पारंपरिक शिल्प, प्रौद्योगिकी की दिशा में प्रगति और पैरालंपिक खिलाड़ियों की उपलब्धि हरियाणा के विकास और समृद्धि के विभिन्न पहलुओं को दर्शाती है।

इस बार की झांकी न केवल हरियाणा के गौरव को दिखाती है, बल्कि यह प्रदेश की समृद्ध विरासत, प्रौद्योगिकी में विकास, और खेलों में उसकी सफलता का प्रतीक भी है। यह झांकी प्रदेश के हर नागरिक के लिए गर्व का कारण है और हरियाणा की असाधारण यात्रा को उजागर करती है। 26 जनवरी को यह झांकी दिल्ली के कर्तव्य पथ पर न केवल हरियाणा का सम्मान बढ़ाएगी, बल्कि देश भर में इस राज्य की संस्कृति, विकास और समृद्धि के प्रति लोगों की जागरूकता भी बढ़ाएगी।