RBI ने नियमों में किया बदलाव: कर्ज न चुकाने वालों पर अब ये होगा Action

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RBI News Rule: आरबीआई ने अभी हाल में मास्टर निर्देशो के लॉन को लेकर बडा बदलाव किया है। नए नियम के चलते ‘जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों’ की अब खैर नहीं है। अक्सर कई लोग लोन का कर्ज उतारने की बजाय उस राशि को कहीं ओर उपयोग मे लाते है।

फीडबैक बैंक भी मांगी

आरबीआई ने कहा कि हितधारक मसौदा नियमों पर 31 अक्टूबर तक ईमेल ([email protected]) के माध्यम से ‘मास्टर डायरेक्शन पर फीडबैक – विलफुल डिफॉल्टर्स और बड़े डिफॉल्टर्स का उपचार’ विषय के साथ फीडबैक दे सकते हैं।

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नए नियम के चलते जो बैंक का बकाया चुकाने की क्षमता रखते हैं, लेकिन बैंक का पैसा नहीं चुकाते या उसका अन्यत्र उपयोग नहीं करते। है। आरबीआई के पास पहले कोई विशिष्ट समय-सीमा नहीं थी, जिसके भीतर ऐसे उधारकर्ताओं की पहचान की जानी थी।

सर्कुलर में कहा गया है कि एक जानबूझकर डिफॉल्टर या कोई भी इकाई, जिसके साथ एक जानबूझकर डिफॉल्टर जुड़ा हुआ है, उसे किसी भी ऋणदाता से कोई अतिरिक्त क्रेडिट सुविधा नहीं मिलेगी वह क्रेडिट सुविधा के पुनर्गठन के लिए पात्र नहीं होगा।

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आरबीआई ने प्रस्ताव दिया है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) को भी समान मापदंडों का उपयोग करके खातों को टैग करने की अनुमति दी जानी चाहिए। आरबीआई ने यह भी सुझाव दिया है कि बैंकों को एक समीक्षा समिति का गठन करना चाहिए और उधारकर्ता को लिखित प्रतिनिधित्व देने के लिए 15 दिनों तक का समय देना चाहिएं इतना ही सा जरूरत पड़ने पर व्यक्तिगत सुनवाई का मौका भी देना चाहिए।

सर्कुलर में कहा गया है, “निर्देशों का उद्देश्य जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों के बारे में ऋण संबंधी जानकारी प्रसारित करने के लिए एक प्रणाली स्थापित करना है, ताकि ऋणदाताओं को यह सुनिश्चित किया जा सके कि आगे संस्थागत वित्त उन्हें उपलब्ध नहीं कराया जाए।”

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केंद्रीय बैंक ने यह भी कहा कि ऋणदाताओं को किसी अन्य ऋणदाता या परिसंपत्ति पुनर्निर्माण सुविधा में स्थानांतरित करने से पहले ‘जानबूझकर डिफ़ॉल्ट’ का निर्धारण करने या उसे खारिज करने के लिए किसी डिफ़ॉल्ट खाते की जांच पूरी करने की जरूरत होगी।