आईजीयू में “टेक फ्यूजन” थीम पर एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन
IGU: इंदिरा गांधी विश्वविद्यालय मीरपुर रेवाड़ी “टैक फ्यूजन” थीम पर आधारित एक दिवसीय नेशनल सेमिनार का आयोजन किया गया जिसे एचएससीएसआईटी (डीएसटी) हरियाणा के द्वारा स्पॉन्सर किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर जे.पी. यादव द्वारा की गई।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, शिमला के जैव प्रौद्योगिकी विभाग से प्रोफेसर अरविंद कुमार भट्ट, महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से प्रोफेसर हरीश दुरेजा एवं इंडस्ट्री एक्सपर्ट अमित कुमार गर्ग उपस्थित रहे।
कुलपति प्रोफेसर जे.पी. यादव एवं कुलसचिव प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने मुख्य वक्ताओं का फूलों के गुलदस्ते से स्वागत किया एवं स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां शारदे के समक्ष दीप प्रज्वलित कर एवं कुलगीत के द्वारा किया गया। प्रोफेसर आनंद सागर शर्मा ने मुख्य वक्ताओं का परिचय देते हुए सभी का स्वागत किया।कुलपति प्रोफेसर जे.पी. यादव ने बताया कि 1998 में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई व इसरो के साइंटिस्ट डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम ने भारत को टेक्नोलॉजी की वजह से दुनिया के गिने चुने न्यूक्लियर पावर देश की कतार में शामिल किया।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की उच्च शिक्षा के लिए टेक्निकल कोर्स का सिलेबस इंडस्ट्रियल ओरिएंटेड गाइडलाइंस पर आधारित होना चाहिए। कार्यक्रम संयोजक प्रोफेसर सुनील कुमार ने सभी विद्यार्थियों को रिसर्च व टेक्नोलॉजी के आधुनिक उपयोगों के बारे में प्रोत्साहित किया। उन्होंने ‘स्कूल टू स्टार्ट अप इग्नाइटिंग यंग माइंडस स्टूडेंट क्लब’ जैसे विषय पर जोर दिया और उदाहरण देकर विस्तार पूर्वक बताया कि कैसे हम इस क्षेत्र में आगे बढ़ सकते हैं।
मुख्य वक्ता प्रोफेसर अरविंद कुमार भट्ट ने ‘एंटरप्रेन्योरशिप अपॉर्चुनिटी इन लाइफ साइंस’ के बारे में विस्तार पूर्वक बताया। साथ ही उन्होंने रोल ऑफ टेक्नोलॉजी का फार्मा क्षेत्र में महत्व को छात्रों के साथ साझा किया। प्रोफेसर हरीश दुरेजा ने अपने विचार रखते हुए बताया कि आने वाले भविष्य में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस हेल्थ सेक्टर में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रॉनिक फार्मा ने जीवन शैली को आसान बनाया। उनका कहना है कि भारत आज बड़े पैमाने पर डिजिटल ट्रांसफॉरमेशन की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
इंडस्ट्रियल स्पेशलिस्ट अमित गर्ग ने स्किल डेवलपमेंट पर जोर दिया और बताया कि क्लाउड सपोर्टिंग तकनीक के द्वारा कोरोना जैसी महामारी में दूसरे देशों के साथ मिलकर भारत ने कम से कम समय में वैक्सीन बनाई। कुलसचिव प्रोफेसर प्रमोद कुमार ने सभी का धन्यवाद करते हुए विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों द्वारा नए शोध कार्यों को करने के लिए प्रोत्साहित किया।
सेमिनार के बाद साइंटिफिक पोस्टर प्रतियोगिता एवं इनोवेटिव आइडिया प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें प्रथम स्थान पर ईशा यादव व नवदीप यादव, द्वितीय स्थान पर पेमु और कंचन व तृतीय स्थान पर हिमांशी और जतिन रहे।
इस अवसर पर अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले प्रोफेसर मंजू परूथी, प्रोफेसर करण सिंह, प्रोफेसर विपिन कुमार, प्रोफेसर रश्मि पुंडीर, डॉ. ललित कुमार सहित शिक्षक व गैर शिक्षक कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए फार्मेसी विभाग के सहायक प्रोफेसर डॉ. स्नेहलता, डॉ. मनीष मखीजा, डॉ. निर्मला यादव, श्रीमती ज्योति राठी, श्रीमती सुनीता, श्रीमती संगीता, श्री युगल यादव, श्री मोहित, श्री कमल, श्रीमती दिव्या गुप्ता, रोहित, प्रवीन, मोनू, मनमोहन ने अहम योगदान दिया।