चंडीगढ़। हरियाणा में अवैध खनन माफियो की अब खैर नही है। अवैध खनन से निपटने के लिए विभिन्न खनन स्थानों पर जियो-रेफरेंसिंग की जा रही है। और बेहतर निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे। इतना ही नहीं अवैध खनन के लिहाज से संवदेनशील स्थानों पर छापेमारी करने के लिए जिला कार्यालयों और खनन स्थलों पर एक स्थिर और मोबाइल पुलिस बल भी तैनात किया जाएगा।
सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग तकनीक होगा उपयोग
मुख्य सचिव संजीव कौशल ने बुधवार को राज्य स्तरीय टास्क फोर्स समिति की बैठक में कहा कि अवैध खनन रोकने के लिए अत्याधुनिक तकनीक की जरूरत है। पराली जलाने की निगरानी के लिए एप्लीकेशन कारगर रहा है। अवैध खनन में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करने के लिए अत्याधुनिक सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग किया जाएगा।रेवाड़ी जिले के इस गांव को मिली डिजिटल लाइब्रेरी और जिम की सौगात
अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए खान और भूविज्ञान विभाग ने हरियाणा अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (हरसैक) के साथ समझौता किया है। हरसैक की मदद से अवैध खनन रोकने के लिए निगरानी केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इसके अलावा पंच-सरपंचों, नंबरदारों, चौकीदारों और पटवारियों की मदद से अवैध खनन की घटनाओं में कमी लाई जाएगी।
जियो रेफरेंसिंग से होगी निगरानी
बैठक में बताया गया कि अवैध खनन से निपटने के लिए विभिन्न खनन स्थानों पर जियो-रेफरेंसिंग की जा रही है। बेहतर निगरानी के लिए ड्रोन तैनात किए जाएंगे। सुरक्षा के मध्येनजर विभाग ने न्यायमूर्ति एलएन मित्तल (सेवानिवृत्त) द्वारा प्रदान की गई सिफारिशों पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आपरेशन की निगरानी के लिए पुलिस कर्मियों के सहयोग से विशेष टीम हरियाणा राज्य प्रवर्तन ब्यूरो (एचएसईएनबी) का गठन किया गया है।हरियाणा के बजट को लेकर आया बडा अपडेट, सीएम ने बैठके लेकर बनाई रणनीति !
खनन रोकने के लिए हरसैक से किया समझौता
रिवहन विभाग समग्र ट्रैकिंग क्षमताओं को बढ़ाने के लिए सभी वाणिज्यिक वाहनों में जीपीएस इंस्टालेशन को अनिवार्य करने हेतु एक योजना तैयार कर रहा है।
खनन एवं भूविज्ञान महानिदेशक मंदीप सिंह बराड़ ने जीपीएस से लैस वाहनों की निगरानी पर एक तंत्र तैयार करने के लिए हरसैक के सहयोग से विभाग द्वारा किए गए ठोस प्रयासों के बारे में जानकारी दी।