हरियाणा, पंजाब, UP के 22 जिलों से लोगों को मिलेगा फायदा
New Expressway : भारतमाला परियोजना के तहत विभिन्न राज्यों को Expressway व हाईवे से जोड़ने का कार्य तेजी से चल रहा है। कई प्रोजेक्ट जल्द ही पूरे होने के कगार पर है। इसी के चलते गोरखपुर-शामली एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड Expressway का निर्माण इस साल के अंत तक शुरु हो सकता है।
बता दे भाजपा के कार्यकाल में देश के विकास में को लेकर हाइवे व Expressway चार चांद लगा रहे है। UP के पश्चिम से लेकर पूर्वांचल के जिलों को जोडने के लिए बनाया जाने वाला गोरखपुर-शामली एक्सेस कंट्रोल ग्रीनफील्ड Expressway का इसी साल के अंत तक पूरा हो सकता है।
इतनी करोड़ रुपये की लागत होगा तैयार
बता दे कि गोरखपुर से शामली तक 35,000 करोड़ रुपये की लागत (Green Field Expressway Project Cost) से एक ग्रीन फील्ड Expressway बनाया जाना है।
साल 2023 में लखनऊ में केंद्रीय सड़क एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने इसको हरी झंडी दिखाई थी। करीब 25,000 करोड़ रुपये की लागत से गोरखपुर से सिलीगुड़ी तक 6 लेन का ग्रीनफील्ड Expressway (Green Field Expressway) हाईवे बनाया जा रहा है।
बता दे कि Expressway से हरियाणा, पंजाब , UP के साथ बिहार और पश्चिम बंगाल तक का सफर आसान बन जाएगा। ये हाईवे से हरियाणा, पंजाब , UP के 22 से ज्यादा जिलो के अंदर होकर गुजरेगा। करीब 700 KM लंबे Ganga Expressway) उत्तर प्रदेश का सबसे लंबा Expressway है।
जानिए कम तक होगा पूरा:
बता दे कि निर्माणाधीन गंगा Expressway UP का सबसे लंबा और हाईस्पीड सड़क मार्ग है। एनएचएआई का कहना है ये प्रयागराज महाकुंभ (Prayagaraj Mahakumbh 2025) से पहले जनता को समर्पित कर दिया जाएगा। उम्मीद है ये दिसंबर तक पूरा हो जाएगा।
जानिए किन शहरों मिलेगा इस हाईवे का फायदा
गोरखपुर-शामली Expressway रामपुर (Rampur), मुरादाबाद (Moradabad)गोरखपुर (Gorakhpur), हरदोई (Hardoi), बदायूं (Badaun), बरेली (Bareilly), , संभल (Sambhal) संतकबीरनगर (Sant Kabir Nagar), बाराबंकी (Barabanki)गोंडा (Gonda), बस्ती (Basti), बहराइच (Bahraich), लखनऊ (Lucknow), अयोध्या (Ayodhya), सीतापुर (Sitapur), शाहजहांपुर (Shahjahanpur), , अमरोहा (Amroha), बिजनौर (Bijnor), मेरठ (Meerut), मुज़फ्फरनगर (Muzaffarnagar), सहारनपुर (Saharanpur) और शामली (Shamli) शामिल हैं।
जानिए क्या होता है ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे, जैसा कि नाम से जाहिर है कि ये हाईवे हरे मैदानों या खेतों के बीच गुजरत है। यहां भूमि अधिग्रहण बहुत आसान होता है, क्योकि जमीन समतल होती है और भीड़-भाड़ भी कम होती है।