Haryana:स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सदन में सभी जिलों को कवर करते हुए एक डिटेल्ड रिपोर्ट पेश की, जिसमें हेल्थकेयर सिस्टम की असली तस्वीर सामने आई। यह रिपोर्ट रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में पेश की गई थी।Haryana
हरियाणा में हेल्थ सर्विस की हालत पर एक बार फिर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। राज्य सरकार ने विधानसभा को बताया कि हजारों मेडिकल और पैरामेडिकल स्टाफ के पद लंबे समय से खाली पड़े हैं।Haryana
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने गुरुवार को सदन में सभी जिलों को कवर करते हुए एक डिटेल्ड रिपोर्ट पेश की, जिसमें हेल्थकेयर सिस्टम की असली तस्वीर सामने आई। यह रिपोर्ट रानियां के विधायक अर्जुन चौटाला द्वारा उठाए गए सवाल के जवाब में पेश की गई थी।Haryana
सरकारी रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग में अलग-अलग कैटेगरी में 21,296 पद मंजूर हैं। इनमें से सिर्फ 15,912 पद भरे गए हैं, जबकि 5,384 पद खाली हैं। ये आंकड़े साफ तौर पर हेल्थ सेंटर्स और अस्पतालों में स्टाफ की भारी कमी दिखाते हैं, जिसका सीधा असर मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं पर पड़ता है।
विपक्ष ने इन आंकड़ों के आधार पर सरकार की स्वास्थ्य नीतियों पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब तक स्थायी नियुक्तियां नहीं हो जातीं, तब तक वैकल्पिक व्यवस्था से सिर्फ अस्थायी राहत मिलेगी। सरकार की रिपोर्ट से यह साफ है कि हरियाणा में हेल्थ सर्विस को मजबूत करने के लिए सिर्फ प्लान नहीं, बल्कि ठोस और समयबद्ध भर्ती प्रक्रिया की जरूरत है।
डॉक्टरों से लेकर डेंटल स्टाफ तक की कमी
रिपोर्ट से पता चलता है कि राज्य में 16 सिविल सर्जन के पद खाली हैं। 644 मंजूर सीनियर मेडिकल ऑफिसर (SMO) पदों में से 219 खाली हैं। 3969 पदों में से 777 खाली हैं। 56 सीनियर डेंटल सर्जन पदों में से 20 खाली हैं; 717 डेंटल सर्जन पदों में से 58 खाली हैं; और 290 डेंटल असिस्टेंट पदों में से 194 खाली हैं। इसके अलावा, 2734 मंजूर मल्टी-पर्पस हेल्थ वर्कर (MPHW) पदों में से 597 पद खाली हैं।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने सदन को आश्वासन दिया कि इन खाली पदों को भरने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। भर्ती के प्रस्ताव हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन, हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन और विभागीय चयन समितियों को भेजे गए हैं।
सरकार का दावा है कि इनमें से ज्यादातर पदों पर अगले एक साल के अंदर स्थायी नियुक्तियां कर दी जाएंगी। स्थायी भर्ती पूरी होने तक स्वास्थ्य सेवाओं में कोई रुकावट न आए, इसके लिए नेशनल हेल्थ मिशन (NHM), हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN), ट्रेनिंग ले रहे स्टाफ और अन्य कॉन्ट्रैक्ट के सोर्स से कर्मचारियों को तैनात किया जा रहा है।

















