Education Rule: केंद्र सरकार ने स्कूली विद्यार्थियों को पांचवी व आठवीं कक्षा तक अनुत्तीर्ण (फेल) नहीं करने की नीति बदल दी है। अब पांचवीं और आठवीं कक्षा की में अनुत्तीर्ण छात्रों को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। 15 साल पहले बनाए गए नियम को अब बदल दिया गया है।
बता दे कि इसके लिए दो महीने में ऐसे विद्यार्थियों की दोबारा परीक्षा ली जाएगी और उत्तीर्ण (पास) होने पर अगली कक्षा में प्रवेश दे दिया जाएगा। परीक्षा पास नहीं करने पर अनुत्तीर्ण छात्र को उसी कक्षा में पढ़ाई करनी होगी।
मिले नए आदेश: केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग ने इस संबंध में अब एक बार फिर नए आदेश जारी कर दिए हैं। नया नियम मौजूदा शैक्षणिक सत्र से यानि 2025 से ही लागू होगा। संशोधित नियमों के अनुसार यदि छात्र पुनः परीक्षा में भी पास नहीं होता, तो उसे उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा।
15 साल पहले बनी थी अनुत्तीर्ण नहीं करने की नीति
तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने वर्ष 2009 में निशुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम बनाया था । इसी नियमों के चलते आठवीं तक बच्चों को फेल करने पर रोक लगा दी गई। वर्ष 2010 में इसे हरियाणा के साथ ही पूरे देश में लागू कर दिया गया।
क्यों बदला नियम: बत दे इस नियम के चलते विभाग की ओर से फेल को भी पास कर देते थे। ऐसे में किसी भी छात्र को अनुत्तीर्ण नहीं करने के नियम के चलते पढ़ाई की गुणवत्ता में काफी गिरावट आई है।
मोदी सरकार ने किया मंथन: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने 15 साल बाद फिर नियमों में फिर से बदलाव किया गया है। मोदी सरकार का मानना है प्राइमरी नींव मजबूत नहीं होगी तो आगे शिक्षा का स्तर गिरेगा। शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए देश भर में फिर से इस नियम मे बदलाव किया गया है।