Haryana News: कैबिनेट में कई फैसलों पर लगी मोहर, जानिए पूरी डिटेल्स

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हरियाणा: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में कई बड़े फैसलों पर मुहर लगी। सरकारी संपत्ति के नुकसान वसूली,
पुरूष को चाइल्ड केयर लीव, उद्योग प्रोत्साहन पॉलिसी मे संसोंधन, चौकीदारो ो EPF का लाभ सहित कई फैसलो पर मोहर लगाई गई है।

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अब पुरूष को भी मिलेगीचाइल्ड केयर लीव: सीएम मनोहर लाल ने हरियाणा सिविल सेवा (लीव) नियमावली 2016 में संशोधन के संबंध में एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की है। जिसके तहत एकल पुरुष सरकारी कर्मचारी को भी दो वर्ष का चाइल्ड केयर लीव भी अब मंजूर होगी। ये राजपत्र में इनके प्रकाशन की तारीख से लागू होंगे।

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अब एक सरकारी कर्मचारी सिंगल पुरुष और एक महिला सरकारी कर्मचारी बच्चों के देखभाल के लिए पूरी सेवा के दौरान अधिकतम दो वर्ष (730 दिन) की अवधि के लिए चाइल्ड केयर लीव का फायदा उठा सकते हैं।

संशोधित होगी उद्योग प्रोत्साहन पॉलिसी
हरियाणा कैबिनेट मीटिंग में उद्योग संवर्धन अधिनियम 2016 में और संशोधन करने के लिए हरियाणा उद्योग संवर्धन (संशोधन) विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी गई। प्रस्तावित संशोधन बड़ी परियोजनाओं और अल्ट्रा मेगा परियोजनाओं में किसी भी प्रोत्साहन, छूट, सब्सिडी को मंजूरी को मंजूरी देने के लिए किया गया है।

चौकीदारों को EPF का लाभ मिलेगा
CM मनोहर लाल ने हरियाणा चौकीदार नियम 2013 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की। इस संशोधन से ग्रामीण चौकीदारों के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का लाभ दिया जा सकेगा।

Gold Price Reduce: फिर गिरे Gold के भाव, देखिए Latest Ratesइसके अलावा प्रत्येक ग्राम चौकीदार प्रति माह एक मानदेय प्राप्त करेगा जैसा कि कर्मचारी भविष्य निधि लाभ के साथ-साथ सरकार द्वारा समय-समय पर निर्धारित और अधिसूचित किया जाता है।

सरकारी संपत्ति के नुकसान की होगी वसूली
मनोहर लाल ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 में और संशोधन करने के लिए हरियाणा पंचायती राज (संशोधन) विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी। ग्राम निधि या संपत्ति के नुकसान, बर्बादी की वसूली की जाएगी। आदेश की तिथि से तीन माह की अवधि के भीतर एवं यदि तय अवधि में राशि की वसूली नहीं की जाती है तो उसे भू-राजस्व के बकाये के रूप में वसूल किया जाएगा।

1 अक्टूबर से लगेगा हरियाणा ग्रामीण विकास शुल्क
मनोहर लाल ने हरियाणा ग्रामीण विकास अधिनियम में और संशोधन करने के लिए हरियाणा ग्रामीण विकास (संशोधन) विधेयक, 2022 के मसौदे को मंजूरी दे दी। संशोधन के अनुसार अब राज्य सरकार एक दर पर हरियाणा ग्रामीण विकास शुल्क लगा सकती है। 1 अक्टूबर, 2022 से सभी किस्मों के धान सहित सभी कृषि उपज पर तय किया जाना है।

ये विभाग कर दिए गए मर्ज

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  • – अब नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभागों का विलय विद्युत विभाग में कर दिया गया है और नाम बदलकर ‘ऊर्जा विभाग’ किया जाएगा।
  • – सामाजिक न्याय विभाग, अधिकारिता, अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के कल्याण और अंत्योदय
  • – अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग का विलय कर सामाजिक न्याय, अधिकारिता, अनुसूचित जाति एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं अंत्योदय विभाग बना
  • – उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा और विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग को उच्च शिक्षा विभाग के रूप में नामकरण के साथ एक ही विभाग में विलय कर दिया गया है।
  • – पुरातत्व और संग्रहालय विभाग को पर्यटन विभाग में मिला दिया गया है और नाम बदलकर विरासत और पर्यटन विभाग कर दिया गया है।
  • – वन और वन्यजीव विभाग और पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग को पर्यावरण, वन और वन्यजीव विभाग के रूप में एक ही विभाग में मिला दिया गया है।
  • – कला और संस्कृति विभाग को सूचना, जनसंपर्क और भाषा विभाग के साथ विलय कर सूचना, जनसंपर्क, भाषा और संस्कृति विभाग कर दिया गया है।
  • – खेल विभाग के युवा मामले घटक को कौशल विकास एवं औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग तथा रोजगार विभाग में मिला दिया गया है।
  • – राज्य सरकार ने इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी विभाग को भंग करने और इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण और निजी आईटी को उद्योग और वाणिज्य विभाग के दायरे में लाने का फैसला किया है।
  • – निगरानी और समन्वय विभागों और प्रशासनिक सुधार विभाग को एक मौजूदा विभाग में विलय कर दिया गया है जो सामान्य प्रशासन विभाग है।

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  • – हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग, हरियाणा लोक सेवा आयोग, सीईटी के संबंध में नीति, जो पहले मानव संसाधन विभाग को हस्तांतरित किए गए थे, उन्हें वापस ले लिया जाएगा और सामान्य प्रशासन विभाग को सौंप दिया जाएगा।
  • – वित्त विभाग के साथ उचित नियंत्रण और तालमेल सुनिश्चित करने की आवश्यकता के कारण, आपूर्ति और निपटान निदेशालय को उद्योग और वाणिज्य विभाग से वित्त विभाग में स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
  • – चकबंदी विभाग और राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग का विलय कर दिया गया है।