Khelo India Youth Games: हरियाणा के खिलाडियो ने लगाई पदकों की झडी…छोरिया भी पीछे नहीं

हरियाणा। हरियाणा की छोरिया  किसी से कम नहीं है। खेलो इंडिया यूथ गेम्स में (Khelo India Youth Games)  से गरीब परिवार से जुडी बेटिया पसीना बहा रही है। जिनकी परिवारिक स्थिति जानकार आप चौक जाएंगे। हरियाणा के खिलाडियो ने एक बार फिर अ अपना परचम लहराया दिया है। चौथे दिन पदको की झडी लगा दी है।

हैरान करने वाली बात यह है कि खेलो इंडिया यूथ गेम्स में भाग ले रही हरियाणा की महिला हॉकी टीम में छह खिलाड़ी सोनीपत जिले के हैं। इनमें से पांच खिलाड़ियों के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। वे किसी तरह अपना गुजारा करते हैं।

इनमें खेलो इंडिया यूथ गेम्स टीम की सदस्य साक्षी, नंदनी, तमन्ना, मनीषा, कनिका और निधि सोनीपत की रहने वाली हैं. इसके साथ ही टीम में खेल रही गुरुग्राम की डिंपल भी सोनीपत में रहकर प्रीतम की एकेडमी में प्रैक्टिस कर रही हैं.

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वहीं, इनमें से एक खिलाड़ी साक्षी के पिता टीकाराम कन्या महाविद्यालय के छात्रावास की कैंटीन चलाते हैं, जबकि मां कैंटीन में घर के कामों में उनकी मदद करती हैं. वहीं टीम के खिलाड़ी नंदनी के पिता मजदूरी करते हैं. वह घरों को पेंट करते है. इस आय से वह अपनी बेटी की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. इसके अलावा डिंपल के पिता सिक्योरिटी गार्ड का काम करते हैं.

खेल भावना से प्रेरित होकर गांव नाहरी के दो किसान भी अपनी बेटियों को हॉकी के गुर सीखने के लिए रोजाना भेजते हैं। वहीं टीम में शामिल कनिका सिवाच कोच प्रीतम सिवाच की बेटी हैं. भारतीय महिला हॉकी टीम की पूर्व कप्तान प्रीतम सिवाच ने बताया कि उनकी अकादमी में इस समय करीब 300 हॉकी खिलाड़ी हैं. इनमें ज्यादातर गरीब परिवारों की बेटियां हैं।

प्रीतम सिवाच कर रही पौध तैयार: प्रीतम सिवाच ने बताया कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय स्तर के एक दर्जन खिलाड़ियों को देश के लिए तैयार किया है। नेहा गोयल, निशा वारसी, शर्मिला और ज्योति भारतीय महिला हॉकी टीम की स्टार खिलाड़ियों के पास ही कोचिंग लेती थीं। इसके अलावा महिमा, प्रीति, श्वेता, किरण दहिया, प्रिया सरोहा, मोनिका, ज्योति गुप्ता समेत कई अन्य लड़कियां राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर खेल रही हैं।

कई परिवारों की हालत ऐसी है कि उन्हें खाने-पीने और खेल आयोजनों का खर्चा खुद की जेब से देना पड़ रहा है, इसलिए उन्होंने सभी खिलाड़ियों के लिए कोई कोचिंग फीस नहीं रखी है। वह सभी को फ्री कोचिंग दे रही हैं।

राज्य की टीम ने जीता एक मैच
प्रीतम सिवाच ने बताया कि हरियाणा के पूल में दिल्ली, ओडिशा और बिहार की टीमें हैं। हरियाणा की टीम दिल्ली को 8-0 से हराकर आगे बढ़ी, लेकिन ओडिशा के साथ कड़े मुकाबले में टीम को 1-0 से हार का सामना करना पड़ा. अब टीम का अगला मैच बिहार से है. सेमीफाइनल में टीम का सामना झारखंड से होगा।

जानिए इनकी परिवारिक स्थिति

निधि: गांव नाहरी के किसान वेदप्रकाश की बेटी निधि गांव के स्कूल में खिलाड़ियों को खेलते देख हॉकी खेलने लगी. निधि के परिवार में कोई खिलाड़ी नहीं है. पिता वेदप्रकाश ने बेटी की इच्छा का सम्मान किया और उसका पूरा साथ दिया. तब से निधि पूरे समर्पण और कड़ी मेहनत के साथ लगातार खेल में सुधार कर रही हैं.

नंदनी:सोनीपत निवासी श्रवण कुमार लोगों के घरों में पेंटिंग कर अपने परिवार का भरण-पोषण कर रहे हैं. पड़ोसी लड़कियों को हॉकी खेलने जाते देख नंदनी ने भी हॉकी खेलने का फैसला किया. पिता की आमदनी कम होने के कारण वह बेटी को प्रीतम के पास ले गया और उसे कोचिंग दिलानी शुरू की.

साक्षी: आर्य नगर के रहने वाले सतपाल सिंह टीकाराम गर्ल्स कॉलेज में छोटी कैंटीन चलाते हैं. दिन भर में चाय और समोसे बनाते हैं. उनकी पत्नी भी काम में उसकी मदद करती है. हॉस्टल में खिलाड़ियों से प्रेरित होकर उन्होंने अपनी बेटी को कोच प्रीतम के नेतृत्व में कोचिंग देना शुरू किया. अब बेटी राज्य की टीम में है.
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तमन्ना यादव: गुरुग्राम निवासी सुरेंद्र सिंह हरियाणा पुलिस में सिपाही है. उनकी ड्यूटी स्टेडियम के पास होने के कारण वह रोजाना खिलाड़ियों को खेलते हुए देखते थे. इसके बाद उन्होंने अपनी बेटी को हॉकी खिलाड़ी बनाने के लिए प्रीतम के पास के हॉस्टल में छोड़ दिया. अब बेटी अपनी लगन और मेहनत से खेल में सुधार कर रही है.

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मनीषा: ग्राम नाहरी के किसान नफे सिंह ने निधि को खेलते देख अपनी बड़ी बेटी को हॉकी खिलाड़ी बनाने का फैसला किया था. लेकिन बेटी को हॉस्टल पसंद नहीं आया और वापस आ गई. इसके बाद उन्होंने हॉकी को अपनी छोटी बेटी मनीषा को सौंप दिया. मनीषा अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत कर रही है.

 

डिंपल: सोनीपत निवासी अखिलेश कुमार एक कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड हैं. परिवार के लिए आजीविका का एकमात्र स्रोत उनका वेतन है। कोच प्रीतम ने डिंपल की मां को अपनी बेटी को हॉकी खिलाड़ी बनाने के लिए प्रोत्साहित किया. इसके बाद परिवार ने उनकी शिक्षाओं को स्वीकार किया और डिंपल को हॉकी की कोचिंग दिलानी शुरू कर दी.

चौथे दिन हरियाणा ने लगाई पदकों की झड़ी

कुश्ती में पांच स्वर्ण में चार हरियाणा के नाम
लड़कियों के मुकाबले में हरियाणा के पहलवानों ने 5 गोल्ड मेडल में से 4 मेडल अपने नाम किए हैं। ग्रीको रोमन 55 किलोग्राम भारवर्ग में हरियाणा के सूरज ने महाराष्ट्र के विश्वजीत को 10-1 अंकों से हराकर स्वर्ण पदक जीता। वहीं महिलाओं की 61 किलोग्राम भारवर्ग में हरियाणा की सविता ने हरियाणा की ही शिक्षा को 10-6 अंकों से हराकर स्वर्ण अपने नाम किया।

इस वर्ग में रजत पदक भी हरियाणा की शिक्षा के नाम रहा। इसी तरह, लड़कों की फ्री-स्टाइल 60 किलोग्राम भारवर्ग में हरियाणा के रविंद्र ने महाराष्ट्र के अजय को 11-8 अंकों से हराकर स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। 71 किलोग्राम भारवर्ग में हरियाणा के नरेंद्र ने हरियाणा के ही अमित को हराकर स्वर्ण पदक जीता। इस भारवर्ग में रजत भी हरियाणा के नाम रहा। इस तरह हरियाणा ने 10 में से 7 पदक अपने नाम किए।
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गतका में गोल्ड:
सेक्टर-3 में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम्स में सोमवार को गतका में हरियाणा की टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके अतिरिक्त, गतका में ही सिंगल व्यक्तिगत महिला और पुरुष वर्ग में भी राज्य के खिलाड़ी रजत पदक प्राप्त करने में सफल रहे। गतका के सिंगल स्टिक टीम इवेंट के अंडर 18 में हरियाणा की टीम ने गोल्ड मेडल हासिल किया। इस टीम में इंद्रजीत सिंह, कृष और जशनप्रीत सिंह शामिल थे। इसी प्रकार, गतका के सिंगल स्टिक के व्यक्तिगत पुरुष वर्ग में वारिस प्रीत सिंह ने रजत पदक और महिला वर्ग में अर्जनीत कौर ने रजत पदक हासिल किया।

 

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योगासन में गोल्ड मेडल: हरियाणा के योग खिलाड़ियों ने आर्टिस्टिक ग्रुप योगासन के अंडर -18 के लड़कों के वर्ग में महाराष्ट्र की टीम को पछाड़कर गोल्ड मेडल हासिल किया। आर्टिस्टिक ग्रुप योगासन में लड़कों के अंडर -18 वर्ग में हरियाणा की टीम 120.99 अंकों के साथ पहले स्थान पर रही। इस प्रतियोगिता में हरियाणा ने महाराष्ट्र की टीम को पछाड़ दिया।

वेट लिफ्टिंग में हरियाणा का पहला गोल्डन बजर उषा ने दबाया
सेक्टर-14 की राजकीय कन्या महाविद्यालय में चल रहे खेलो इंडिया यूथ गेम-2021 के वेट लिफ्टिंग के मुकाबलों में सोमवार को हरियाणा की बेटियों ने अलग -अलग आयुवर्ग में दो स्वर्ण पदक पर कब्जा किया। इनमें सबसे पहले 55 किलोग्राम भार वर्ग श्रेणी में रोहतक की ऊषा ने 170 किलोग्राम भार उठाकर पहला गोल्ड मेडल जीता। वहीं 81 किलो भारवर्ग में हरियाणा की भावना ने भी अच्छा प्रदर्शन किया।