अधिकारियों की मिली भगत से 57.55 करोड़ रुपये पेयमेंट कर दी गई
हरियाणा्: हरियाणा में प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे करने वाली याशी कंपनी को काफी मश्चकत के बाद ब्लैक लिस्ट कर करोड़ों रुपये के भुगतान पर रोक लगा दी है। बार बार शिकायत के बावजूद मनोहर सरकार ने कोई सुनवाई नहीं की। जब आरटीआई लगाकर जबाब मांगा तो सरकार की नींद टूटी है।Gold-Silver Price Today: सोने चांदी के भावों में फिर आया उछाल, जानिए लेटेस्ट रेट ?
लोकायुक्त जस्टिस हरिपाल वर्मा ने नोटिस जारी कर सरकार से इसका जवाब मांगा था। निदेशालय ने साथ ही कंपनी की सिक्योरिटी राशि जब्त कर टेंडर एग्रीमेंट भी रद्द कर दिया है। कंपनी को इससे बड़ा झटका लगा है। कंपनी पर शहर की प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे ठीक से न करने आरोप लगे थे।
सरकार ने लोकायुक्त में दिए रिकॉर्ड में बताया कि प्रदेश स्तर पर नगर पालिका, नगर निगम व नगर परिषद में प्रॉपर्टी आईडी का सर्वे किया गया था। इसमें खामियां मिलने पर राजस्थान के जयपुर की याशी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है। कंपनी के 8.06 करोड़ रुपये के बकाया बिलों के भुगतान पर रोक लगा दी गई है।
सर्वे में किसी का नाम गलतए किसी का क्षेत्रए किसी का टैक्स गलत तो कहीं रिहायशी प्रॉपर्टी को कॉमर्शियल बना दिया गया और कहीं कॉमर्शियल प्रॉपर्टी को रिहायशी बना दिया। कहीं किराएदार को ही बिल्डिंग मालिक बना दिया गया।Haryana News : इस शहर में मुहुर्त से पहले रावण को किया आग के हवाले, जानिए फिर क्या हुआ
सर्वे कार्य का मौका वेरिफिकेशन सही पाए जाने पर ही इन अधिकारियों को साइन ऑफ सर्टिफिकेट जारी करने थे। तभी भुगतान होना था, लेकिन सभी 88 शहरों के अधिकारियों ने अपनी.अपनी वेरिफिकेशन रिपोर्ट में सर्वे को शत.प्रतिशत सही बताया और कंपनी को 57.55 करोड़ रुपये की पेमेंट करा दी। जबकि धरातल पर कंपनी का सर्वे पूरी तरह बोगस निकला।
बहुत लेट जागा विभाग
शहरी स्थानीय निकाय विभाग ने 12 सितंबर को याशी कंपनी को ब्लैक लिस्ट कर दिया। हरियाणा शहरी स्थानीय निकाय विभाग पंचकूला के डिप्टी म्यूनिसिपल कमिश्नर ने बताया कि इसमें नियमानुसार आगामी कार्रवाई की जाएगी।
कंपनी की ठेका लेते वक्त कंपनी की जमा कराई लाखों रुपये की परफॉर्मेंस बैंक गारंटी राशि सरकार ने जब्त कर टेंडर एग्रीमेंट भी रद्द कर दिया है। आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने बताया कि इसमें लोकायुक्त कोर्ट ने आठ अगस्त को सरकार से जवाब मांगा था।
यह है मामला
पानीपत के समालखा निवासी आरटीआई कार्यकर्ता पीपी कपूर ने प्रदेश के सभी 88 शहरों में करवाए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे को बड़ा घोटाला बताया था। उन्होंने 19 जुलाई को शहरी निकाय मंत्री कमल गुप्ताए शहरी निकाय विभाग के तत्कालीन निदेशक सहित 88 अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। इन अधिकारियों में 12 आईएएस भी शामिल हैं।Haryana News : इस शहर में मुहुर्त से पहले रावण को किया आग के हवाले, जानिए फिर क्या हुआ
शिकायत में घोटाले की जांच सीबीआई से करा आपराधिक मुकदमा दर्ज करानेए सर्वे करने वाली कंपनी याशी को ब्लैक लिस्ट करने व भुगतान के 57.55 करोड़ की पेमेंट ब्याज सहित वसूल करने की मांग की थी। उनका आरोप है कि 88 शहरों में करवाए गए प्रॉपर्टी आईडी सर्वे में बड़ा घोटाला हुआ है।
सर्वे में 95 प्रतिशत तक गलती की गई। बावजूद इसके कंपनी को 57.55 करोड़ का भुगतान फर्जी वेरिफिकेशन के आधार पर कर दिया गया। सभी 4275579 संपत्तियों के मालिक इन त्रुटियों को ठीक कराने के लिए दलालों के हाथों लुट रहे हैं।