2 घंटे में दिल्ली से पहुंचेंगे जयपुर, अब 200 की रफ्तार से दौड़ेगी High Speed Train

RAIL TRACK

High Speed Train, Best24News : यह बात अटपटी सी लग रही होगी। दिल्ली से जयपुर का सफर केवल दो घंटे में! जी हा यह सत्य है। गुरूग्राम से दौसा व वडोदरा के रास्ते देश की आर्थिक राजधानी मुंबई तक प्रस्तावित दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के गुरुग्राम-दौसा खंड का लोकार्पण होने के ये भी होने जा रहा है।Kanina: भगवान को नही बख्शा चोरो ने, बाघोत शिवालय से 7 किलो 800 ग्राम चांदी चोरी

बिछाया जाएगा एलिवेटेट ट्रैक: भारतीय रेलवे यात्रियों को सुपरफास्ट सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी योजना पर काम कर रहा है। इसके तहत, दिल्ली से 200- 300 km की दूरी पर स्थित शहरों के लिए सेमी हाई स्पीड ट्रेन चलाने की प्लानिंग हो रही है।

दिल्ली कैंट से जयपुर तक एलिवेटेड हाई स्पीड रेल ट्रैक बिछाया जाएगा। जिससे दिल्ली कैंट से जयपुर तक मात्र दो घंटे में पहुंचना संभव होगा। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने बताया कि सड़क मार्ग के बाद दिल्ली से जयपुर के बीच रेल मार्ग से पहुंचना भी बेहद आसान हो जाएगा।

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200 से अधिक स्पीड पर दौड़ेगी ट्रेन
एलिवेटेड कॉरिडोर पर आम यात्री रेलगाड़ियों और मालगाड़ियों को नहीं चलाया जाएगा. ऐसे में वहां कंजेशन की समस्या तो बिल्कुल भी नहीं होगी। इसको देखते हुए एलिवेटेड कॉरिडोर की रेल लाइन इतनी क्षमता वाली बनाई जाएगी कि वह 200- 220 की स्पीड से दौड़ रही गाड़ी का भार वहन कर सके।

TRAIN 2

 

इसके लिए कोई अलग ट्रेन नहीं डिजाइन की जाएगी बल्कि मौजूदा वंदे भारत को ही अपग्रेड करके 200-220 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाला बनाया जाएगा.

उन्होंने बताया कि इसी कारण गुरुग्राम रेलवे स्टेशन के अपग्रेडेशन कार्य की पहले तैयार की गई डिजाईन को भी अब नई परियोजना को देखते हुए री-डिजाइन किया जा रहा है।

इतना ऊंचाई होगी ट्रेक की: राव ने बताया कि जमीन से ऊंचाई 15 से 18 मीटर तक होगी और इस रेल ट्रैक पर गाड़ियों की रफ़तार 200 किमी प्रति घंटे से अधिक होगी। इससे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गति शक्ति अभियान को भी गति मिलेगी।

 

केंद्र सरकार के पाले में दिल्ली-रेवाड़ी-अलवर के बीच प्रस्तावित रेपिड रीजनल ट्रांजिट सिस्टम (आरआरटीएस) की परियोजना की डीपीआर को स्वीकृति देने की फाइल भी अटकी हुई है। इसके अलावा दिल्ली एयरपोर्ट से बावल औद्योगिक क्षेत्र तक प्रस्तावित एमआरटीएस (मास रेपिड ट्रांजिट सिस्टम) को लेकर भी अभी प्रस्ताव लंबित है।

इस परियोजना की नोडल एजेंसी एचएसआइआइडीसी (हरियाणा राज्य औद्योगिक विकास एवं आधारभूत ढांचा निगम) है। देखना यह है कि रेल मंत्रालय की नई योजनाओं का पूर्व में स्वीकृत त्वरित मेट्रो (RRTS और MRTS) पर क्या असर पड़ेगा।

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राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि वंदे भारत की सफलता के बाद लोग मध्यम दूरी के लिए सेमी हाईस्पीड ट्रेनों की काफी मांग कर रहे हैं जिसको ध्यान में रखते हुए रेल मंत्रालय इस प्रोजेक्ट पर आगे बढ़ सकता है. उन्होंने बताया कि एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने के लिए जगह की कोई कमी नहीं है.