खाटू श्याम: श्याम भक्तों के लिए अच्छी खबर है। राजस्थान के सीकर जिले के रींगस स्थित खाटू श्याम धाम (Khatu Shyam Dham) विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आस्था का एक केंद्र है। यह मंदिर देश में सबसे ज्यादा श्रद्धालु आने वाले मंदिरों में से एक है।हरियाणा के किसानों के खातों में आज पहुंचेंगे 318 करोड़
खाटूश्याम जी के दर्शन हेतु प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में श्रद्धालु विभिन्न माध्यमों जैसे रेल, रोड तथा पैदल मार्ग से दर्शन के लिए आते हैं। रेलवे विभाग ने राजस्थान में रींगस के समीप स्थित विश्व प्रसिद्ध धार्मिक आस्था के केंद्र खाटूश्याम को सीधे रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए मंजूरी प्रदान कर दी है।
लोकेशन सर्वे की तैयारी शुरू
रींगस से खाटूश्यामजी तक 16 किलोमीटर नई रेल लाइन के फाइनल लोकेशन सर्वे के लिए तैयारी हेतु 40 लाख रुपये का प्रावधान किया गया है। सर्वे का काम शीघ्र ही पूरा करके इस नई रेल लाइन के काम को स्वीकृति प्रदान कर कार्य प्रारंभ किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को जल्द से जल्द खाटूश्यामजी तक रेल सुविधा प्राप्त हो सके।
रेल से आने वाले श्रद्धालु रींगस तक रेल से आते हैं। उसके पश्चात, वह विभिन्न साधनों से खाटू तक पहुंचते हैं। रींगस से खाटू तक का सफर सुगम व सुरक्षित बनाने के लिए रेलवे ने सांस्कृतिक धरोहर व धार्मिक आस्था के केंद्रों को जोड़ने की योजना के तहत, रींगस से खाटूश्यामजी तक नई रेल लाइन के सर्वे को मंजूरी प्रदान की है। जब उन्हें यह पता चला कि अब रेल से रींगस से उतरकर गाड़ी में जाने की बजाय खाटूधाम ही पहुंच जाएंगे तो उनमें अलग ही सुखद अहसास का वर्णन किया।
राजस्थान का धार्मिक स्थल खाटूधाम से महेंद्रगढ़ जिला की आस्था जुड़ी है। जिला में ऐसे हजारों परिवार है जो खाटूश्याम बाबा में आस्था रखते है।
जानिए क्या कहा रेलवे मंत्री ने
रेलवे द्वारा सांस्कृतिक धरोहर और धार्मिक आस्था के केंद्रों की कनेक्टिविटी पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. जिसमें कुछ समय पूर्व अंबाजी के लिए नई लाइन का कार्य प्रारंभ किया गया है तथा खाटूश्याम जी के लिए नई लाइन के सर्वे को मंजूरी दी गई है।
रेलवे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन विरासत और विकास के तहत, धार्मिक स्थलों तक रेल कनेक्टिविटी पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है।
देश के रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रींगस से खाटूश्यामजी नई रेल लाइन की घोषणा करते हुए कहा कि खाटूश्याम जी आस्था का प्रमुख केंद्र है और प्रतिवर्ष यहां पर 50 से 60 लाख श्रद्धालु दर्शनों के लिए आते हैं।