HSSC ग्रुप D-CET भर्ती पर रोक, कोर्ट में इस दिन होगी सुनवाई

HSSC

HSSC: हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से पिछले दिनों जा​री किए हरियाणा CET ग्रुप डी परीक्षा का परिणाम पर रोक लगा दी गई है. 4 अप्रैल को हरियाणा ग्रुप डी CET परीक्षा पर एक अभ्यर्थी ने केस दायर कर दिया है. अब 8 अप्रेल को केस को लेकर अदालत मे सुनवाई होगी.

 

बता दे कि हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) की तरफ से पिछले दिनों हरियाणा CET ग्रुप डी परीक्षा का परिणाम जारी किया गया था. ग्रुप डी के कुल 13,567 पदों पर भर्ती होनी है मगर फिलहाल आयोग ने सिर्फ 10,997 उम्मीदवारों का परिणाम ही घोषित किया है.

#
HSSC ग्रुप डी भर्ती जानिए किसने किया केस

हरियाणा में सोशियो इकोनामिक आधार पर पांच अंक दिए जाते हैं. फिलहाल, इन 5 अंकों पर केस किया गया है. ऐसे में जब तक कोई फाइनल फैसला नहीं आ जाता पूरा परिणाम जारी नहीं हो सकता. हालांकि आयोग की तरफ से दो मेरिट लिस्ट बनाई गई थी तथा जो उम्मीदवार इन दोनों कटऑफ को पार कर रहा था उसी को सेलेक्ट किया है.

नहीं आया लिस्ट में नाम

ऐसे में जो बच्चे ज्वाइन कर चुके हैं उन्हें भी यह डर सता रहा है कि इसका प्रभाव उन पर भी होगा या नहीं. जिस उम्मीदवार ने केस किया है उसका कहना है कि वह आयोग द्वारा बनाई गई एक कट ऑफ को पार कर रहा है और वह सोशियो इकोनॉमिक्स के अंकों के लिए भी योग्य है, लेकिन उसे अंक नहीं मिले हैं.

अगर उसे यह अंक मिल जाते तो वह दोनों कटऑफ को पार करता और उसे नौकरी मिल जाती. आवेदक का कहना है कि वह इस मामले में HSSC के हेड ऑफिस पंचकूला भी गए थे, जहां पर उन्हें कहा गया कि जल्दी उनके लिए पोर्टल खोला जाएगा. इसमें वह दोबारा से अप्लाई कर सकते हैं.

8 अप्रैल को होगी सुनवाई

फिलहाल, कोई पोर्टल ओपन नहीं किया गया है और ना ही उनके लिए दूसरी लिस्ट जारी की गई. ऐसे में उम्मीदवार ने केस कर दिया है. वहीं, जो उम्मीदवार ज्वाइन कर चुके हैं उन पर इस केस का कोई भी प्रभाव नहीं होगा. यह केस विकास एवं अन्य बनाम हरियाणा राज्य एवं अन्य है. इसमें उम्मीदवार की तरफ से एडवोकेट रविंद्र सिंह ढुल है.

वहीं, जवाब हरियाणा के AG साहब की तरफ से दिया जाना है. इस केस को अर्जेंट टाइप में लिस्ट किया गया है और इसके लिए अगली तारीख 8 अप्रैल 2024 निर्धारित की गई है. यानी कि इस की सुनवाई आने वाली 8 तारीख को होगी.

 

मजबूरी में करना पडा केस HSSC

ऐसे में जो बच्चे ज्वाइन कर चुके हैं उन्हें भी यह डर सता रहा है कि इसका प्रभाव उन पर भी होगा या नहीं. जिस उम्मीदवार ने केस किया है उसका कहना है कि वह आयोग द्वारा बनाई गई एक कट ऑफ को पार कर रहा है और वह सोशियो इकोनॉमिक्स के अंकों के लिए भी योग्य है, लेकिन उसे अंक नहीं मिले हैं. अगर उसे यह अंक मिल जाते तो वह दोनों कटऑफ को पार करता और उसे नौकरी मिल जाती.