हरियाणा: हरियाणा में इस बार मार्च में पहले से ज्यादा गर्मी पड रही है। अभी से मई जितनी गर्मी हो गई है। लगातार बढ़ती गर्मी का असर गेहूं की फसल पर साफ दिखाई देने लगा है। बढती गर्मी से किसानो चिंता बढ़ गई है।Rajasthan: बेटे की बहु को लेकर सुसर फरार, 45 साल छोटी हैबहु
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि आने वाले सप्ताह में तापमान में गिरावट आ सकती है और 25 मार्च तक मौसम गेहूं की फसल के अनुकूल रहेगा। लेकिन अभी लगातार पड रही गर्मी से किसानो की नींद उडी हुई है।
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जानिए क्या है ठीक तापमान:
रात व दिन का तापमान मिलाकर औसत 22 डिग्री सेल्सियस गेहूं की पैदावार के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। औसत तापमान 24 डिग्री सेल्सियस तक गेहूं की फसल सहन कर सकती हैं लेकिन दिन का तापमान 35 डिग्री सेल्सियस से ऊपर होने पर गेहूं के बनने वाले दानों पर बुरा प्रभाव पड़ता है।
कृषि वैज्ञानिकों ने सुझाएं बचाव के तरीके
- चौरणसिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि बढ़े हुए उच्च तापमान से बचने के लिए किसानों को आवश्यकतानुसार, हल्की सिंचाई करने की सलाह दी जाती है. जब तेज हवा चल रही है तो सिंचाई न करें अन्यथा फसल गिरने की संभावना बढ़ जाती है.
- गेहूं में बालियां निकलते समय या अगेती गेहूं की बालियां निकली हुई हैं तो भी 0.2% पोटेशियम क्लोराइड यानि कि 400 ग्राम पोटाश खाद 200 लीटर पानी में घोलकर प्रति एकड़ छिड़काव करें. इससे तापमान में अचानक से हुई वृद्धि से होने वाले नुक़सान पर काबू पाया जा सकता है. पछेती गेहूं में पोटेशियम क्लोराइड का छिड़काव 15 दिनों के अंतराल पर दो बार किया जा सकता है.
- जिन किसानों के पास फव्वारा सिंचाई की सुविधा है, वे दोपहर को तापमान वृद्धि के समय आधे घंटे तक फव्वारे से सिंचाई कर सकते हैं.