Haryana Weather Update: हरियाणा में आज मौसम का मिजाज फिर बदल गया है। पश्चिमी विक्षोभ के कारण राज्य के ज्यादातर इलाकों में बारिश होने की संभावना है। फतेहाबाद, हिसार, जींद, करनाल, यमुनानगर, कुरुक्षेत्र, अंबाला, पंचकूला, पानीपत, रोहतक और सोनीपत में मूसलाधार बारिश हो सकती है। वहीं सिरसा, भिवानी, दादरी, महेंद्रगढ़, झज्जर, गुरुग्राम, फरीदाबाद, पलवल, रेवाड़ी और नूंह में हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। इस दौरान हवा 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती है।
हिसार में चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार इस बार पश्चिमी विक्षोभ के आंशिक प्रभाव, बंगाल की खाड़ी में कम दबाव का क्षेत्र बनने और राजस्थान पर साइक्लोनिक सर्कुलेशन बनने से नमी वाली हवाएं उत्तर-पश्चिमी क्षेत्रों की तरफ आ रही हैं। इन मौसमी सिस्टमों के कारण राज्य के अधिकांश हिस्सों में 7 अक्टूबर तक हल्की से मध्यम बारिश और गरज-चमक के साथ तेज हवाओं की संभावना बनी रहेगी।
हरियाणा में अब तक सामान्य से लगभग 33 प्रतिशत अधिक बारिश हुई है। 1 जून से 30 सितंबर 2025 तक कुल 568.4 एमएम बारिश दर्ज की गई, जबकि औसत 426 एमएम है। 7 अक्टूबर तक राज्य में बारिश जारी रहने की संभावना है। 8 अक्टूबर से तापमान में गिरावट आ सकती है। फिलहाल अंबाला जिले में बूंदाबांदी शुरू हो गई है और किसानों की चिंता बढ़ गई है, क्योंकि उनकी धान की फसल मंडी में उठान के लिए तैयार है।
इस बार मानसून 24 जून को हरियाणा में पहुंचा और 29 जून तक पूरे राज्य में फैल गया। 24 सितंबर को मानसून पूरी तरह से लौट गया। इस बार राज्य के किसी भी जिले में बारिश की कमी नहीं रही। छह जिलों में सबसे अधिक, नौ जिलों में अधिक और सात जिलों में सामान्य वर्षा दर्ज की गई। यमुनानगर में सबसे ज्यादा 1116.9 एमएम बारिश हुई। हरियाणा में अब तक सबसे ज्यादा मानसूनी बारिश 1988 में हुई थी, जब 1108.8 एमएम वर्षा दर्ज हुई थी। वहीं सबसे कम बारिश 1918 में सिर्फ 196.2 एमएम रही थी।

















