हरियाणा: हरियाणा में इस बार खाद लेने के नियमों में बड़ा बदलाव किया जा रहा है। किसानों को अब फसल के साथ- साथ खाद की मांग के लिए मेरी फसल- मेरा ब्योरा पोर्टल पर पंजीकरण कराना होगा।Chandigarh: सड़क पर स्टंट करना तीन युवको को पड़ा महंगा, पुलिस ने दी ऐसी सजा?
हरियाणा सरकार ने केंद्र से मांगा इतना खाद
हरियाणा सरकार ने केंद्र सरकार से 1.5 लाख मीट्रिक टन अतिरिक्त खाद की मांग की है। हरियाणा में खाद ही हर साल ही किल्लत होती है। खाद लेेने भारी भीड उमडी है इतना ही बडी मशक्कत से खाद मिलता था। खाद वितरण में कोई दिक्कत नहीं आए इसके लिए सरकार पायलेट प्रोजेक्ट बनाया गया है।
इस शहर से लागू होगा पायलट प्रोजक्ट
हरियाणा सरकार के आंकडो चलते युमनानगर में सबसे ज्यादा खाद की किल्लत आई थी। इसी लिए इसी शहर से इस पायलट को शुरू किया जा रहा है। पायलट प्रोजेक्ट के तहत, इसकी शुरुआत यमुनानगर से होगी. यहां प्रयोग सफल होने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।JNV Admission: छठी कक्षा में दाखिले के लिए आवेदन शुरू, जानिए क्या है अंतिम तिथि
यमुनानगर में पायलट प्रोजेक्ट के तहत, किसानों को उर्वरक प्राप्त करने के लिए पोर्टल पर पंजीकरण करना अनिवार्य होगा। यह नई व्यवस्था रबी फसल सीजन में शुरू की जाएगी। सीजन से पहले किसानों से डिमांड ली जाएगी और उसी के अनुरूप खाद की आपूर्ति की जाएगी।
बता दे कि हरियाणा में खरीफ और रबी के सीजन में औसतन 8 लाख मीट्रिक टन उर्वरक की खपत होती है। खाद उपलब्ध होने के बावजूद वितरण करने मे भारी परेशानी झेलनी पडती है।
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होती है खाद की तस्करी
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि यमुनानगर के अलावा यूपी, राजस्थान और पंजाब की सीमा से सटे जिलों से भी खाद की तस्करी होती है और दूसरे राज्यों में खाद जाती है। यही कारण है इस जिले में खाद का वितरण नहीं हो पाता है।