Haryana School News: हरियाणा सरकार ने स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली किताबों और पाठ्यक्रम में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। राज्य के मुख्यमंत्री ने हाल ही में यह ऐलान किया कि अब हरियाणा के सरकारी स्कूलों में विद्यार्थियों को भगवद गीता के श्लोक पढ़ाए जाएंगे। यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत उठाया गया है, जिसका उद्देश्य बच्चों को सांस्कृतिक ज्ञान देना और उन्हें सभ्य और संस्कारी बनाना है। इस निर्णय के साथ, बच्चों को कक्षा 8 तक भगवद गीता के श्लोकों के बारे में सिखाया जाएगा।
राज्य के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार
मुख्यमंत्री ने इस निर्णय के माध्यम से यह संदेश दिया है कि हरियाणा के सरकारी स्कूलों में भी उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि यह कदम सरकारी स्कूलों में पढ़ाई जाने वाली शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और अधिक से अधिक लोगों को सरकारी स्कूलों में शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। इसके साथ ही, मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं जैसे पीने का पानी, शौचालय व्यवस्था और स्वच्छता की भी सही व्यवस्था की जाएगी।
शिक्षकों की कमी को पूरा करने के लिए योजना
शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए राज्य सरकार एक नई कार्ययोजना तैयार कर रही है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि आगामी शैक्षिक सत्र में कोई भी सरकारी स्कूल शिक्षक की कमी से जूझता हुआ नहीं दिखाई देगा। शिक्षा विभाग को इस दिशा में कदम उठाने के लिए कहा गया है। मुख्यमंत्री ने शिक्षा मंत्री महिपाल ढांडा के साथ बैठक में यह निर्देश दिए कि स्कूलों में विद्यार्थियों और शिक्षकों का अनुपात राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार सुनिश्चित किया जाए।
कोचिंग की सुविधा और स्मार्ट क्लासरूम की योजना
मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की कि हरियाणा के कॉलेजों में आगामी समय में आईएएस, एचसीएस जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की कोचिंग भी शुरू की जाएगी। इसके लिए स्मार्ट क्लासरूम का प्रयोग किया जाएगा, जहां विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए आधुनिक और तकनीकी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इस तरह से हरियाणा सरकार की योजना है कि राज्य के छात्र राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए पूरी तरह से तैयार हों।
कुल मिलाकर बदलाव की दिशा
हरियाणा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बदलाव और सुधार के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। भगवद गीता के श्लोकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने से न केवल बच्चों को सांस्कृतिक ज्ञान मिलेगा, बल्कि इससे उनकी मानसिक और नैतिक स्थिति भी मजबूत होगी। इसके साथ ही, शिक्षा क्षेत्र में सुधार करने के लिए शिक्षकों की कमी को दूर करना, स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करना और कॉलेजों में प्रतियोगी परीक्षा की कोचिंग जैसी योजनाएं हरियाणा के शिक्षा क्षेत्र में एक नई दिशा देने का काम करेंगी।
हरियाणा सरकार का यह कदम शिक्षा के स्तर को सुधारने और राज्य के छात्रों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने के लिए एक बड़ा बदलाव है। इससे न केवल बच्चों को संस्कार और सांस्कृतिक शिक्षा मिलेगी, बल्कि राज्य के सरकारी स्कूलों की स्थिति में भी सुधार होगा। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को शिक्षकों की कमी को पूरा करने और कॉलेजों में स्मार्ट क्लासरूम की व्यवस्था करने के लिए भी निर्देश दिए हैं, जिससे विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिल सके।