Haryana: हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि पूर्व-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति योजनाओं के तहत किसी भी छात्र को अपनी छात्रवृत्ति राशि से वंचित नहीं किया जाए। इसके लिए उन्होंने कहा कि हरियाणा भवन में स्थित रेजिडेंशियल कमिश्नर संबंधित मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित करें और केंद्रीय मंत्रालयों द्वारा चलाई जा रही छात्रवृत्ति योजनाओं की जानकारी प्राप्त करें। राज्य सरकार के विभागों को भी इस जानकारी से नियमित रूप से अवगत कराना सुनिश्चित किया जाए।
स्कूल और कॉलेजों में जानकारी और सहायता
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि स्कूल और कॉलेजों के प्रिंसिपल छात्रों को योजनाओं के बारे में सूचित करें और यह सुनिश्चित करें कि छात्र ऑनलाइन छात्रवृत्ति फॉर्म सही ढंग से भरें। प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में सूचना बोर्ड लगाए जाएं, जिन पर सभी छात्रवृत्ति योजनाओं की पूरा विवरण स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो, ताकि छात्रों को फॉर्म भरने और आवेदन प्रक्रिया पूरी करने में कोई कठिनाई न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की यह जिम्मेदारी है कि किसी भी मेधावी और जरूरतमंद छात्र को आर्थिक कठिनाइयों के कारण अपनी पढ़ाई छोड़ने के लिए मजबूर न होना पड़े।
योजनाओं की निगरानी और रिपोर्टिंग
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि योजनाओं की निगरानी नियमित रूप से की जाए और समय-समय पर समीक्षा रिपोर्ट तैयार कर सरकार को प्रस्तुत की जाए। इसके माध्यम से राज्य सरकार अपनी 40 प्रतिशत हिस्सेदारी छात्रों के खातों में जमा कर सके। वहीं, केंद्र सरकार की 60 प्रतिशत राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे छात्रों के खातों में जमा की जा सकती है। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि छात्रवृत्ति का पूरा लाभ सीधे छात्रों तक पहुंचे और किसी भी प्रकार की विलंबता या बाधा न आए।
समीक्षा बैठक में उपस्थित वरिष्ठ अधिकारी
मुख्यमंत्री ने यह निर्देश चंडीगढ़ के सिविल सचिवालय में आयोजित एससी और बीसी छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजनाओं की समीक्षा बैठक के दौरान दिए। बैठक में मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, उच्च शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, चिकित्सा शिक्षा और अनुसंधान विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण गुप्ता, सामाजिक न्याय, सशक्तिकरण, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग एवं अन्त्योदय विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव जी अनुपमा सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। अधिकारियों को यह निर्देश दिया गया कि वे सुनिश्चित करें कि हर छात्र को योजनाओं की पूरी जानकारी मिले और किसी भी छात्र को वित्तीय कारणों से अपने सपनों से दूर न होना पड़े।

















