Haryana: हरियाणा पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन ने हिसार में अधीक्षण अभियंता (एसई), जींद के निलंबन और इंजीनियर्स के पदोन्नति चैनल को अवरुद्ध करने के विरोध में रोष प्रदर्शन किया। यह निलंबन एक मंत्री का फोन न उठाने के मुद्दे पर किया गया था।
प्रदेश महासचिव रविंद्र घनघस ने कहा कि हरिदत्त, एसई जींद के निलंबन से इंजीनियरों में भारी रोष है । उन्होंने निलंबन आदेश को तत्काल रद्द करने और प्रमोशन पर नाजायज तरीके से लगी रोक को भी हटाने की मांग की।
सीनियर उपाध्यक्ष बलजीत बेनीवाल ने बताया कि हरियाणा ब्यूरो ऑफ पब्लिक एंटरप्राइजेज (एचबीपीई) द्वारा 2021 में मंजूरी के बावजूद एसडीओ और एक्सईएन के पुनर्गठन को लागू नहीं किया गया हैंं। निगम प्रशासन द्वारा उस एजेंडे को वापस ले लिया गया है, जिसमें अधीक्षण अभियंता से मुख्य अभियंता के पद पर पदोन्नति का प्रस्ताव था जिसको लेकर इंजीनियरों में भारी रोष है ।
इससे एसई, कार्यकारी अभियंता (एक्सईएन) और उपमंडल अभियंता (एसडीओ) के पदोन्नति के अवसर रुक गए हैं। कई मुख्य अभियंताओं के पास दोहरे प्रभार हैं, जिससे निगम के मुख्य कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं ।
वाईस प्रेसिडेंट सुदीप बामल ने बताया कि दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम में अनुमोदित 29 एक्सईएन पदों में से केवल 2 पद ही भरे गए हैं। चरखी दादरी और नूंह जिलों में तो 4 साल बाद भी अधीक्षण अभियंता नियुक्त नहीं किया गया है, जिससे उपभोक्ताओं और कर्मचारियों को बिजली सेवाओं के लिए अन्य जिलों में जाना पड़ता है।
निगम में पुनर्गठन कार्य रुका हुआ है, जिसके कारण उपभोक्ताओं को आरटीएस एक्ट के तहत सेवाएं नहीं मिल पा रही हैं और आरटीएस कमीशन द्वारा समय पर काम न होने पर जुर्माना भी लगाया जा रहा है। एक तरफ तो सरकार उपभोक्ताओं को सेवाएं देने के लिए आरटीएस एक्ट लागु कर रही है वहीँ दूसरी और स्वीकृत पदों पर पोस्टिंग भी नहीं दे रही है |
उन्होंने आगे बताया कि उपभोक्ताओं की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है, कई उप-उपमंडल 40,000 से अधिक उपभोक्ताओं को संभाल रहे हैं। एसडीओ पर काम का अत्यधिक दबाव है, जो गर्मी में एक दिन में लगभग 700 फोन कॉल्स उठाने को मजबूर हैं।
प्रदर्शन में 50 से अधिक अधिकारियों ने भाग लिया। एसोसिएशन ने निगम मैनेजमेंट को मांगें मानने के लिए बुधवार तक का टाइम दिया है अन्यथा मांगें न माने जाने पर आंदोलन को सभी ज़िले स्तर पर तेज करने की चेतावनी दी है।

















