Haryana: पर्यावरण संरक्षण की दिशा में एक अहम कदम उठाते हुए केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) और हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (HSPCB) की संयुक्त टीम ने बुधवार को फिरोज़पुर बंगर इंडस्ट्रियल एरिया में अवैध रूप से संचालित हो रही उद्योग इकाइयों पर छापा मारा। इस दौरान की गई जांच में व्यापक अनियमितताएं सामने आईं, जिसके बाद अधिकारियों ने इन इकाइयों पर सख्त कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। टीम ने मौके पर कई उद्योगों के संचालन को तुरंत रोकने के आदेश भी दिए।
निरीक्षण दल में सीपीसीबी के वैज्ञानिक मनोज कुमार, वैज्ञानिक रमणदीप, फील्ड अधिकारी वैज्ञानिक अनिल कुमार और एचएसपीसीबी सोनीपत क्षेत्र के सहायक कार्यकारी अभियंता (AEE) कुशाग्र शामिल थे। टीम ने अचानक फिरोज़पुर बंगर औद्योगिक क्षेत्र में 11 उद्योगों का निरीक्षण किया। जांच के दौरान पाया गया कि 10 उद्योग बिना प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ‘कंसेंट टू एस्टैब्लिश’ और ‘कंसेंट टू ऑपरेट’ अनुमति के ही संचालित हो रहे थे। यह नियमों का स्पष्ट उल्लंघन है क्योंकि किसी भी उद्योग को संचालन से पहले प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनुमति लेना आवश्यक होता है। अधिकारियों ने इन इकाइयों के खिलाफ रिपोर्ट तैयार कर कानूनी कार्रवाई शुरू करने की अनुशंसा की है।
निरीक्षण के दौरान यह भी सामने आया कि तीन उद्योग स्क्रैप को पिघलाकर गड्ढे वाली भट्टियों (पिट फर्नेस) में ईंधन तैयार कर रहे थे, जबकि उन्होंने किसी भी प्रकार के वायु प्रदूषण नियंत्रण उपकरण (एयर पॉल्यूशन कंट्रोल मेजर्स) नहीं लगाए थे। यह न केवल पर्यावरण मानकों का गंभीर उल्लंघन है, बल्कि इससे आसपास के क्षेत्र की वायु गुणवत्ता पर भी गंभीर प्रभाव पड़ सकता है। मौके पर मौजूद अधिकारियों ने तुरंत इन इकाइयों को संचालन बंद करने के आदेश दिए और कहा कि ऐसे उद्योगों पर नियमों के अनुसार कठोर कार्रवाई की जाएगी। यह भी चेतावनी दी गई कि यदि दोबारा ऐसी गतिविधियाँ पाई गईं तो इन इकाइयों को सील किया जाएगा और भारी जुर्माना लगाया जाएगा।
टीम ने बताया कि खरखोदा क्षेत्र के 10 उद्योगों में भी इसी तरह के पर्यावरणीय उल्लंघन पाए गए हैं। इन सभी को शो-कॉज नोटिस जारी कर दिए गए हैं। उनसे जवाब प्राप्त करने के बाद नियमों के तहत सीलिंग या जुर्माना लगाने की कार्रवाई की जाएगी। अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि बिना अनुमति और बिना प्रदूषण नियंत्रण उपायों के औद्योगिक गतिविधियां चलाना एक गंभीर अपराध है। इस तरह के उद्योग न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं बल्कि आसपास के लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने कहा है कि आने वाले दिनों में ऐसे उद्योगों के खिलाफ लगातार निरीक्षण अभियान चलाए जाएंगे, ताकि प्रदेश में पर्यावरण प्रदूषण को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सके और उद्योगों को नियमों के दायरे में लाया जा सके।

















