Haryana Pollution: हरियाणा में हवा की स्थिति लगातार बिगड़ती जा रही है। स्मॉग की चादर ने कई जिलों को अपनी गिरफ्त में ले लिया है। प्रदेश का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) सबसे ज्यादा कैथल में 393 तक पहुंच गया है। यह स्तर बेहद खतरनाक श्रेणी में आता है और लोगों के स्वास्थ्य पर गंभीर असर डाल रहा है। हालांकि मौसम विभाग ने उम्मीद जताई है कि आने वाले दिनों में बारिश और हवाएं चलने से प्रदूषण में थोड़ी राहत मिल सकती है।Haryana Pollution
राज्य के पांच शहरों में हवा बेहद खराब
हरियाणा के पांच शहर ऐसे हैं जहां हवा ‘बेहद खराब’ श्रेणी में दर्ज की गई है। बल्लभगढ़ में एक्यूआई 320, फतेहाबाद में 313, जींद में 354 और मानेसर में 340 रहा। वहीं कई अन्य जिलों में भी स्थिति चिंताजनक है। बहादुरगढ़ में 202, भिवानी में 206, करनाल में 280, कुरुक्षेत्र में 284, पंचकूला में 294 और सिरसा में 287 एक्यूआई दर्ज किया गया है।
धारूहेड़ा सबसे प्रदूषित शहर
एक दिन पहले रविवार को धारूहेड़ा देश का सबसे प्रदूषित शहर बना था। यहां का एक्यूआई 434 दर्ज किया गया। यह स्तर बेहद खतरनाक माना जाता है। उस दिन देश के 23 सबसे प्रदूषित शहरों में से 9 हरियाणा के थे। इनमें गुरुग्राम, कैथल, करनाल, कुरुक्षेत्र और यमुनानगर शामिल थे।
विशेषज्ञों का कहना है कि खेतों में पराली जलाने, वाहनों के धुएं और निर्माण कार्यों से निकलने वाली धूल के कारण प्रदूषण बढ़ रहा है। सरकार ने निगरानी बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। लोगों को भी मास्क पहनने, अनावश्यक वाहन प्रयोग से बचने और पर्यावरण के प्रति जिम्मेदारी निभाने की सलाह दी गई है।
कई जिलों में बिगड़ी हवा की स्थिति
कैथल के अलावा बल्लभगढ़, फतेहाबाद, जींद और मानेसर में भी एक्यूआई 300 के पार पहुंच चुका है। इन जिलों में हवा बहुत खराब श्रेणी में दर्ज की गई है। लोगों को सांस लेने में परेशानी हो रही है और आंखों में जलन जैसी दिक्कतें बढ़ रही हैं। यह स्थिति बुजुर्गों और बच्चों के लिए और भी खतरनाक साबित हो सकती है।Haryana Pollution

















