Haryana Political Crisis: हरियाणा में 25 मई को लोकसभा के चुनाव है। मतदान से पहले Haryana में राजनीतिक उथल-पुथल तेज हो गई है। मंगलवार को जैसे ही तीन निर्दलीय विधायकों ने नायब सैनी सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया तो भाजपा में अफरा तफरी मच गई हैं।
अचानक ये क्या हो गया हैं अब क्या होगा। कही सरकार की आगे किरकरी तो नहीं हो जाएगी। भाजपाइयोंं के दिमाग में कई सवाल उठ रहे है। अब आगे क्या होगा क्या सरकार गिरेगी या बचेगी
संवाददाता सम्मेलन में किया ऐलान: उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री Bhupinder Singh Hooda और राज्य Congress प्रमुख उदय भान की मौजूदगी में रोहतक में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अपने फैसले की घोषणा की
जानिए लैटेस्ट आंकडा: 90 सदस्यीय Haryana विधानसभा में सदस्यों की मौजूदा संख्या 88 है। सरकार के पास अब बहुमत से दो विधायक कम हैं। हाल के दिनों में जननायक जनता पार्टी (JJP ) के कुछ विधायकों ने BJP को समर्थन देने के संकेत दिए हैं।
हालांकि JJP ने मार्च में गठबंधन सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। विधानसभा में BJP के 40, Congress के 30 और JJP के 10 विधायक हैं।
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इसके चलते नायब सिंह सैनी सरकार अब राज्य विधानसभा में अल्पमत में है। इसमें निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान (दादरी), रणधीर सिंह गोलान (पुंडरी) और धर्मपाल गोंदर (नीलोखेड़ी) शामिल हैं।
भाजपा को छोडने की ये बजह आई सामने
नीलोखेड़ी से निर्दलीय विधायक धर्मपाल गोंदर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम सरकार से समर्थन वापस ले रहे हैं। हम अब Congress के साथ हैं. हमने किसानों से जुड़े मुद्दे, महंगाई और बेरोजगारी समेत कई मुद्दों पर ये फैसला लिया है।
पूंडरी से निर्दलीय विधायक रणधीर सिंह गोलन ने कहा कि हमने ईमानदारी से BJP सरकार को अपना समर्थन दिया। लेकिन, आज बेरोजगारी चरम पर है, महंगाई और किसानों का मुद्दा भी है। समाज का हर वर्ग तंग आ चुका है।
परिवार पहचान पत्र और प्रॉपर्टी आईडी सिस्टम को लेकर लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जब उनसे पूछा गया कि उन्होंने इन मुद्दों पर पहले क्यों नहीं बोला तो गोलन ने कहा कि उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान भी अपनी आवाज उठाई थी। लेकिन उनकी नहीं सुनी गई।
Congress ने एक बयान में कहा कि तीनों विधायकों ने पहले ही राज्यपाल को पत्र भेजकर कहा है कि उन्होंने सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है।
दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान ने कहा कि किसान आंदोलन के दौरान हमने उनकी (BJP सरकार) गलत नीतियों का विरोध किया।
स्कूलों में पर्याप्त स्टाफ न होने जैसे मुद्दे भी उठाए। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ”हम राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटें जीतने के लिए Congress का समर्थन करेंगे.”