हरियाणा ओलम्पिक संघ द्वारा खिलाड़ियों और प्रशिक्षकों को शादी समारोह, पार्टियों और अन्य सामाजिक आयोजनों में हथियार दिखाने या लहराने पर सख्त रोक लगाने के फैसले का प्रदेशभर में व्यापक समर्थन मिल रहा है। संघ ने स्पष्ट कहा है कि यदि कोई खिलाड़ी या कोच हथियार प्रदर्शन करते हुए पाया जाता है या उसका वीडियो–फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होता है, तो उस पर ब्लॉक स्तर से लेकर राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं तक में तत्काल प्रतिबंध लगाया जाएगा।
एथलेटिक्स हरियाणा के अध्यक्ष दिलबाग सिंह ने कहा कि इस निर्णय को मीडिया ने बेहद जिम्मेदारी से जनता तक पहुंचाया है, जो सराहनीय है। उन्होंने उम्मीद जताई कि खिलाड़ी और प्रशिक्षक संघ के संदेश को गंभीरता से लेते हुए इसे धरातल पर लागू करेंगे। उन्होंने कहा कि हथियार प्रदर्शन खेल की गरिमा के विपरीत है और इससे समाज में गलत संदेश जाता है।
फरीदाबाद मीडिया प्रभारी सत्यवीर धनखड़ ने खिलाड़ियों से अपील करते हुए कहा कि खेल का उद्देश्य स्वस्थ प्रतिस्पर्धा, सम्मान और प्रेरणा देना है। कुछ मामलों में खिलाड़ियों द्वारा हथियारों का प्रदर्शन न केवल खेल की छवि को धूमिल करता है, बल्कि यह सुरक्षा के लिए भी गंभीर खतरा पैदा करता है। उन्होंने कहा कि सभी खिलाड़ियों को सकारात्मक माहौल बनाकर खेल के लिए प्रेरणा का स्रोत बनना चाहिए।
एथलेटिक्स फेडरेशन ऑफ इंडिया की ग्रीवेंस कमेटी के सदस्य राजकुमार मिटान ने भी खिलाड़ियों से अनुरोध किया कि वे किसी भी तरह के हथियार प्रदर्शन से दूर रहें। उन्होंने कहा कि खेल की असली पहचान अनुशासन, समर्पण और खेल भावना है, न कि दिखावा या दहशत फैलाना। संघ ने चेतावनी दी है कि अमर्यादित वीडियो या फोटो सामने आने पर तुरंत प्रतिबंध लागू होगा।
एथलेटिक्स हरियाणा के महासचिव प्रदीप मलिक ने कहा कि खिलाड़ी को आगे बढ़ाने का काम उसका हुनर और हौसला करता है, हथियार नहीं। खेल सकारात्मक ऊर्जा, स्वास्थ्य और प्रेरणा का प्रतीक है, इसलिए खिलाड़ियों और कोचों को नशे और गलत गतिविधियों से दूर रहकर स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के रास्ते पर चलना चाहिए। संघ का यह कदम खेल जगत को स्वच्छ, सुरक्षित और मर्यादित बनाने की दिशा में बड़ा निर्णय माना जा रहा है।

















