Haryana News: मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि कौशल्या डैम से पंचकूला शहर को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए क्षतिग्रस्त जल पाइपलाइनों की मरम्मत कार्य तुरंत शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि यह कार्य प्राथमिकता के आधार पर पूरा होना चाहिए ताकि डैम से पानी की आपूर्ति पहले की तरह विभिन्न सेक्टरों तक फिर से बहाल की जा सके और ट्यूबवेल पर निर्भरता समाप्त हो। मुख्यमंत्री ने गुरुवार को डैम की समग्र सुरक्षा को लेकर हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जल भंडारण क्षमता भी बढ़ाई जानी चाहिए ताकि गर्मियों में या आपात स्थिति में भी पानी की कमी न हो।
पिंजौर-कालका क्षेत्र में भी बहाल होगी स्वच्छ पेयजल आपूर्ति
बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण (HUDA) के अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे जनस्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग को पिंजौर-कालका क्षेत्र में 10 से 12 एकड़ भूमि उपलब्ध कराएं, ताकि वहां स्वच्छ जल के भंडारण के लिए टैंक बनाए जा सकें। इससे कौशल्या डैम से स्वच्छ पेयजल आपूर्ति पिंजौर-कालका क्षेत्र में भी पुनः शुरू की जा सकेगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि भूमिगत जल पर निर्भरता घटाना समय की मांग है, क्योंकि अत्यधिक दोहन से भूजल स्तर लगातार नीचे जा रहा है। उन्होंने विभागों को निर्देश दिया कि वे वर्षा जल संरक्षण और उसके वैज्ञानिक उपयोग को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि दीर्घकालिक जल सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
सतही जल पर निर्भरता और वर्षा जल संरक्षण पर जोर
मुख्यमंत्री सैनी ने स्पष्ट कहा कि पेयजल आपूर्ति के लिए अब भूमिगत जल की जगह सतही जल स्रोतों पर अधिक निर्भरता बनाई जाए। इसके लिए उन्होंने अधिकारियों को ठोस और व्यावहारिक योजनाएं तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वर्षा जल संचयन को न केवल सरकारी संस्थानों में बल्कि आवासीय और व्यावसायिक क्षेत्रों में भी अनिवार्य रूप से लागू किया जाना चाहिए। इससे जल संरक्षण को गति मिलेगी और भविष्य में पानी की कमी की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि हर विभाग अपनी जिम्मेदारी को गंभीरता से निभाए और पारदर्शिता के साथ काम करे ताकि जल आपूर्ति की कोई समस्या उत्पन्न न हो।
काजौली वाटर वर्क्स की क्षमता बढ़ाने के निर्देश
मुख्यमंत्री ने काजौली वाटर वर्क्स से पेयजल आपूर्ति को मजबूत करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि वाटर वर्क्स की मोटरों की क्षमता बढ़ाई जाए ताकि वहां से पर्याप्त मात्रा में पानी उपलब्ध हो सके और शहर के किसी भी हिस्से में जल संकट की स्थिति न बने। बैठक के दौरान मुख्यमंत्री ने पंचकूला के कौशल्या डैम, सिरसा के ओटू हेड और यमुनानगर के हथनीकुंड बैराज की स्थिति की समीक्षा की। बैठक में मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव राजेश खुल्लर, हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण के मुख्य प्रशासक डॉ. चंद्रशेखर खरे, और मुख्यमंत्री के विशेष कार्य अधिकारी राकेश संधू भी उपस्थित रहे। मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों से कहा कि जल संसाधनों की सुरक्षा और सतत उपयोग को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाए, क्योंकि जल ही विकास की आधारशिला है।

















