Haryana News: हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने बताया कि राज्य सरकार ने सभी एलोपैथिक दवा निर्माताओं को रिस्की सॉल्वेंट्स को लेकर सख्त एडवाइजरी जारी की है। जांच में मानक से कमी पाए जाने पर कई कंपनियों को नोटिस दिए गए हैं। सरकार का कहना है कि दवाओं की गुणवत्ता पर कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने चंडीगढ़ से वर्चुअल मीटिंग में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा को हरियाणा सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं और निगरानी तंत्र की जानकारी दी। इस दौरान केंद्रीय मंत्री ने राज्य सरकार की पहल की सराहना की और कहा कि हरियाणा स्वास्थ्य सुरक्षा के क्षेत्र में अन्य राज्यों के लिए उदाहरण बन रहा है।
बैठक में स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. आर.एस. ढिल्लो, फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के आयुक्त डॉ. मनोज कुमार, स्टेट ड्रग कंट्रोलर ललित कुमार गोयल और असिस्टेंट स्टेट ड्रग कंट्रोलर राकेश दहिया भी मौजूद रहे। सभी अधिकारियों ने राज्य में दवाओं की जांच और नियंत्रण से जुड़ी प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की।
मंत्री ने बताया कि प्रदेश में एलोपैथिक दवा निर्माताओं को प्रोपीलीन ग्लाइकोल, ग्लाइकोल और ग्लिसरीन जैसे सॉल्वेंट्स की खरीद, भंडारण और उपयोग में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए गए हैं। अब तक 37 निरीक्षण पूरे किए जा चुके हैं और 54 नमूने प्रयोगशाला परीक्षण के लिए भेजे गए हैं।
आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता जनता को सुरक्षित और मानक के अनुरूप दवाएं उपलब्ध कराना है। किसी भी कंपनी द्वारा लापरवाही पाए जाने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। आने वाले समय में दवा निर्माण इकाइयों की जांच और भी सख्त की जाएगी।

















