Haryana News: हरियाणा पुलिस के भारतीय रिजर्व बटालियन (IRB) के कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने उनके प्रमोशन की मांग को खारिज कर दिया है। कर्मचारियों ने मांग की थी कि उन्हें हरियाणा पुलिस के अन्य विंग जैसे कि हरियाणा आर्म्ड पुलिस और कमांडो फोर्स के समान इंस्पेक्टर पद की प्रोमोशन सूची में शामिल किया जाए, लेकिन कोर्ट ने इस याचिका को स्वीकार नहीं किया।
प्रमोशन के लिए हाईकोर्ट में दाखिल की गई थी याचिका
भारतीय रिजर्व बटालियन के कई कर्मचारियों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर यह मांग की थी कि उन्हें इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन दिया जाए। उन्होंने दलील दी कि वे अन्य पुलिस कर्मचारियों के साथ समान प्रशिक्षण प्राप्त करते हैं और समान कार्य करते हैं, इसलिए उनके साथ भी समान व्यवहार किया जाना चाहिए। उनका कहना था कि जब उनकी ट्रेनिंग और जिम्मेदारियां अन्य पुलिस बलों के समान हैं, तो उन्हें प्रमोशन में भेदभाव क्यों झेलना पड़ रहा है?
सरकार ने कोर्ट में रखी अपनी दलील
वहीं, हरियाणा सरकार ने अदालत में इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि भारतीय रिजर्व बटालियन और हरियाणा पुलिस के अन्य विंग में अंतर है। सरकार ने बताया कि भारतीय रिजर्व बटालियन एक विशेष बटालियन है, जो केंद्र सरकार के निर्देशों के तहत गठित की गई थी। इसकी भर्ती और प्रशिक्षण केंद्र सरकार की देखरेख में होता है और इन कर्मचारियों की सेवाएं देशभर में ली जाती हैं।
इसके विपरीत, हरियाणा पुलिस के अन्य कैडर पूरी तरह से राज्य सरकार के अधीन आते हैं। उनकी भर्ती, प्रशिक्षण और प्रमोशन की पूरी प्रक्रिया हरियाणा सरकार द्वारा नियंत्रित की जाती है। इसलिए, भारतीय रिजर्व बटालियन के कर्मचारियों को अन्य पुलिस कैडर के समान प्रमोशन देने की मांग तर्कसंगत नहीं है।
कोर्ट ने याचिका की खारिज
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए भारतीय रिजर्व बटालियन के कर्मचारियों की याचिका खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि भर्ती, प्रशिक्षण और तैनाती की प्रक्रिया अन्य पुलिस विंग से अलग होने के कारण भारतीय रिजर्व बटालियन के कर्मचारियों को इंस्पेक्टर पद पर प्रमोशन देने का कोई कानूनी आधार नहीं है।
याचिकाकर्ताओं को लगा बड़ा झटका
हाईकोर्ट के इस फैसले से भारतीय रिजर्व बटालियन के कर्मचारियों को बड़ा झटका लगा है। वे लंबे समय से प्रमोशन की मांग कर रहे थे और इस संबंध में कानूनी लड़ाई लड़ रहे थे। हालांकि, अदालत के फैसले के बाद अब उनके लिए प्रमोशन की संभावना और अधिक कठिन हो गई है।
सरकार और पुलिस विभाग की प्रतिक्रिया
हरियाणा सरकार और पुलिस विभाग ने हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। सरकार का मानना है कि पुलिस प्रशासन के विभिन्न विंग की अलग-अलग संरचना होती है और उन्हें उनकी कार्यशैली व जिम्मेदारियों के अनुसार ही प्रमोशन दिया जाना चाहिए। सरकार ने साफ किया कि भारतीय रिजर्व बटालियन को उनकी विशेष जिम्मेदारियों के तहत ही कार्य सौंपा जाता है और उनकी भर्ती, पदोन्नति आदि की प्रक्रिया अलग रखी जाती है।
क्या आगे बढ़ेगी कानूनी लड़ाई?
हालांकि, भारतीय रिजर्व बटालियन के कर्मचारी इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और वे इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने की योजना बना सकते हैं। उनका कहना है कि वे समान कार्य कर रहे हैं और उन्हें भी समान अवसर मिलना चाहिए। अब यह देखना होगा कि क्या कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट का रुख करते हैं या इस फैसले को स्वीकार कर लेते हैं।
पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट का यह फैसला पुलिस बल के विभिन्न कैडर की संरचना और कार्यप्रणाली को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। यह निर्णय बताता है कि भारतीय रिजर्व बटालियन की भूमिका और कार्यशैली अन्य पुलिस विंग से अलग है,
\इसलिए उन्हें समान प्रमोशन नहीं दिया जा सकता। हालांकि, इससे प्रभावित कर्मचारियों के लिए यह एक बड़ा झटका है, लेकिन सरकार का मानना है कि इस फैसले से पुलिस प्रशासनिक व्यवस्था अधिक प्रभावी और संगठित होगी।

















