हरियाणा: कई सालों से लंबित पडी मांगो को लेकर सफाई कर्मचारियो का गुस्सा फूट चुका है। इसी के चलते पूरे हरियाणा के गांवों में सफाई करने कर्मचारी मंगलवार से तीन दिन की हड़ताल पर रहेंगे।‘Ayushman Card बनाओ, 5 लाख तक मुफ्त इलाज पाओ, जानिए कैसे बनवाए कार्ड?
ग्रामीण सफाई कर्मचारी यूनियन हरियाणा (सीटू) के राज्य प्रधान देवीराम और महासचिव विनोद कुमार ने कहा कि मांगों को लेकर विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली के साथ पिछले साल 20 अगस्त, नौ सितंबर और 26 दिसंबर तथा इस साल 28 जून को चार दौर की वार्ता हो चुकी है, लेकिन आज तक मांगों और समस्याओं का कोई समाधान नहीं हुआ। समाधान नहीं होने के चलते यूनियन को ये कदम उठाना पडा
जानिए क्या है कर्मचारियों की मांगें
- 26 हजार रुपये मासिक वेतन मिले।
- दो हजार की बजाय 400 की आबादी पर एक सफाई कर्मचारी हो।
- वेतन को महंगाई के साथ जोड़ा जाए।
- एक्सग्रेसिया नीति के तहत परिवार के सदस्य को काम पर रखा जाए।
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- 4 अप्रैल 2021 के बाद जिन कर्मियों की मृत्यु हो चुकी, उन सभी के परिवारों को मुआवजा दिया जाए।
- दीपावली पर बोनस और कर्मचारियों के बच्चों की पढ़ाई के लिए शिक्षा भत्ता मिले।
- 100 गज के प्लाट और मकान बनाने के लिए अनुदान दिया जाए।
- बेगार से बचाने के लिए सफाई कर्मियों में से पढ़े लिखे लोगों को सुपरवाइजर लगाया जाए।
- पॉलिसी बनाकर पक्का किया जाए।
- सभी ग्रामीण सफाई कर्मियों को बीडीपीओ के पे-रोल पर लिया जाए।
- डोर टू डोर के कर्मचारियों को ग्रामीण सफाई कर्मियों के बराबर वेतन व वर्दी भत्ता दिया जाए।
- औजारों का 500 रुपये मासिक भत्ता तय किया जाए, 500 रुपये मासिक वर्दी धुलाई भत्ता मिले।
नहीं हो रही सुनवाई, हडताल ही मजबूरी
23 जनवरी को विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव के साथ हुई बैठक में वेतन बढ़ोतरी, सालाना वेतन में तीन प्रतिशत बढ़ोतरी, मासिक वर्दी धुलाई भत्ता देने और काम के औजारों का भत्ता देने की सहमति बन गई थी।
पिछली 17 अप्रैल से फाइल मुख्यमंत्री कार्यालय में मंजूरी के लिए पड़ी है। इससे साफ है कि प्रदेश सरकार ग्रामीण सफाई कर्मचारियों की मांगों का समाधान नहीं करना चाहती। इसी वजह से हमें 10 अक्टूबर से तीन दिन की हड़ताल पर जाने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।