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Haryana news: हरियाणा में 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में बड़ी कार्रवाई, खजाने के अधिकारी गिरफ्तार

Haryana news: पंचकुला: हरियाणा में 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने एक और आरोपी विजयेंद्र कुमार, सहायक खजाना अधिकारी, हथीन को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी बडी़ कार्रवाई का हिस्सा है, जिसमें पलवल जिले के हसनपुर ब्लॉक डेवलपमेंट और पंचायत अधिकारी कार्यालय में सरकारी धन की हेराफेरी की गई थी।

धोखाधड़ी की जांच और गिरफ्तारी

ACB फरिदाबाद ने 24 जनवरी 2025 को हसनपुर ब्लॉक डेवलपमेंट और पंचायत अधिकारी कार्यालय, मं.स. दीपक मैनपावर सर्विस और अन्य अज्ञात अधिकारियों/कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में FIR दर्ज की थी। मामले में आईपीसी की विभिन्न धाराओं और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसके बाद, 29 जनवरी 2025 को विजयेंद्र कुमार, सहायक खजाना अधिकारी, हथीन को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी को कल माननीय कोर्ट में पेश किया जाएगा और पुलिस रिमांड की मांग की जाएगी।

पहले गिरफ्तार हुए आरोपी

इससे पहले, ACB की फरिदाबाद टीम ने इसी मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था। इनमें से एक आरोपी राकेश कुमार, क्लर्क, हसनपुर BDPO कार्यालय, दूसरे आरोपी सतपाल, कर्मचारी, होडल के खजाना कार्यालय और तीसरे आरोपी शमशेर सिंह, रिटायर्ड सेक्शन ऑफिसर, निदेशक, विकास और पंचायत विभाग, हरियाणा शामिल हैं। ये तीनों आरोपी इस समय पुलिस रिमांड पर हैं।

जांच की दिशा और आरोपी से पूछताछ

ACB अधिकारियों ने बताया कि इन गिरफ्तार आरोपियों से यह पूछताछ की जा रही है कि वे सरकारी धन की हेराफेरी के मामले में किसी अन्य सरकारी अधिकारी/कर्मचारी और निजी व्यक्तियों के साथ मिले हुए थे या नहीं। इसके साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से प्राप्त धन की वसूली किस प्रकार की जाएगी।

ACB की ओर से चेतावनी और कड़ी कार्रवाई

एसीबी ने साफ किया है कि वह ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगा और किसी भी भ्रष्ट अधिकारी या कर्मचारी को बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी धन की हेराफेरी के मामलों में कोई भी आरोपी नहीं बचेगा और दोषियों को कड़ी सजा दिलवाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।

कानूनी धाराएं और प्रक्रिया

इस मामले में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की कई धाराओं के तहत मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें धारा 43, 66C सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000, धारा 316(2), 316(5), 318(2), 318(4), 336(3), 338, 61 भारतीय न्याय संहिता 2023, और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धाराएं शामिल हैं।

हरियाणा की एसीबी टीम इस मामले में और भी गिरफ्तारियां करने के लिए जुटी हुई है और सरकारी कर्मचारियों और निजी व्यक्तियों के बीच हुई साठगांठ की जांच कर रही है।

समाज में भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया

हरियाणा सरकार और एसीबी के अधिकारियों ने इस घटना पर गहरी चिंता जताई है और भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। एसीबी ने यह भी सुनिश्चित किया है कि आगामी दिनों में ऐसे मामलों में और अधिक तत्परता से कार्रवाई की जाएगी ताकि सरकारी धन की हेराफेरी के मामलों में न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

आने वाले दिनों में इस मामले में और गिरफ्तारियां हो सकती हैं, और एसीबी के अधिकारियों ने यह आश्वासन दिया है कि वे इस मामले को पूरी तरह से सुलझाने के लिए कड़ी मेहनत करेंगे।

हरियाणा में 50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी मामले में एसीबी की कार्रवाई से यह साफ है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार के मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपना रही है। आरोपी अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई से यह संदेश जाता है कि अब सरकारी धन की हेराफेरी करने वालों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।

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