Haryana News: हरियाणा सरकार निजी स्कूलों को बड़ी राहत देने की तैयारी कर रही है। राज्य सरकार अब स्कूल सोसाइटियों पर लगे जुर्मानों को माफ करने और अस्थायी स्कूलों को एक्सटेंशन लेटर जारी करने पर गंभीरता से विचार कर रही है। मुख्यमंत्री नायब सैनी ने इस संबंध में अधिकारियों को जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए हैं।
हाल ही में निजी स्कूल संघ का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री आवास, चंडीगढ़ में सीएम सैनी से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने 2808 निजी स्कूलों से जुड़ी समस्याओं और मांगों का ज्ञापन सौंपा और जल्द समाधान की मांग की। संघ के प्रदेश सचिव प्रदीप पूनिया और संरक्षक महावीर यादव ने बताया कि प्रमुख मांगों में एमआईएस पोर्टल को दोबारा खोलने की अपील शामिल थी, ताकि स्कूलों की तकनीकी और प्रशासनिक समस्याएं दूर की जा सकें।
प्रतिनिधिमंडल ने चिराग योजना, 134-A और आरटीई के तहत मिलने वाली राशि समय पर जारी करने की भी मांग की। इसके अलावा स्कूल बसों पर टैक्स खत्म करने, बसों की आयु सीमा बढ़ाने, स्कूलों में सोलर पैनल लगाने पर सब्सिडी देने और बिजली बिल को एनडीएस की बजाय डीएस कैटेगरी में लाने की अपील की गई। साथ ही, महापुरुषों की जयंती पर अवकाश देने या न देने का अधिकार स्कूलों को देने की मांग भी शामिल थी।
मुख्यमंत्री ने जताई सहानुभूति
मुख्यमंत्री नायब सैनी ने प्रतिनिधिमंडल की बातों को गंभीरता से सुना और भरोसा दिलाया कि राज्य सरकार शिक्षा क्षेत्र के सुधार और निजी स्कूलों के हितों के प्रति संवेदनशील है। उन्होंने कहा कि स्कूलों पर लगे जुर्मानों की माफी और अस्थायी स्कूलों को विस्तार पत्र जारी करने का निर्णय शीघ्र लिया जाएगा। इसके साथ ही अन्य लंबित मांगों पर भी रिपोर्ट तैयार कर जल्द निर्णय लिया जाएगा।
निजी स्कूलों के लिए राहत का संदेश
इस कदम से हरियाणा के निजी स्कूलों को प्रशासनिक और वित्तीय राहत मिलेगी। स्कूल संचालक अब अपने संचालन में आसानी महसूस करेंगे और बच्चों की शिक्षा पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे। यह पहल राज्य सरकार की शिक्षा क्षेत्र में संवेदनशीलता और सुधार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है।

















