EDC क्या है और यह क्यों बढ़ा?
EDC वह शुल्क है जो जमीन पर लगाया जाता है। इसे सरकार उन बिल्डरों और प्रॉपर्टी डेवेलपर्स से लेती है जो किसी जमीन पर आवासीय या व्यावसायिक निर्माण करते हैं। EDC के जरिए मिलने वाली राशि को संबंधित क्षेत्र के विकास में खर्च किया जाता है।
हरियाणा सरकार ने EDC बढ़ाने का कारण विकास कार्यों के लिए फंड की आवश्यकता बताया है। इसके लिए राज्य को 6 जोन में बांटा गया है, और पंचकूला के लिए अलग से दरें तय की गई हैं।
कैसे बढ़ेगी प्लॉट्स और फ्लैट्स की कीमत?
EDC में बढ़ोतरी का सीधा असर प्रॉपर्टी की कीमतों पर पड़ेगा। उदाहरण के लिए:
- अगर किसी व्यक्ति ने 200 गज का प्लॉट लिया है और पहले उसे 800 रुपये प्रति वर्ग मीटर के हिसाब से 1.25 लाख रुपये EDC देना पड़ता था, तो अब 20 प्रतिशत वृद्धि के बाद यह राशि 1.45 लाख रुपये हो जाएगी।
- मल्टी-स्टोरी बिल्डिंग्स के मामले में, यदि 200 गज के प्लॉट पर 4 मंजिला बिल्डिंग बनाई गई है, तो कुल EDC चार मंजिलों में बांटा जाएगा।
जो लोग पहले से मकान बना चुके हैं, उन्हें इससे कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन नए खरीदारों को बढ़े हुए शुल्क का भुगतान करना होगा।
किन इलाकों पर EDC बढ़ोतरी का अधिक असर पड़ेगा?
हरियाणा के कुछ क्षेत्र EDC वृद्धि से अधिक प्रभावित होंगे, खासकर वे क्षेत्र जहां फ्लैट्स और बिल्डिंग्स की संख्या ज्यादा है।
हाइपर और हाई पोटेंशियल जोन
इन इलाकों में EDC का सबसे ज्यादा असर होगा:
- गुरुग्राम
- फरीदाबाद
- सोहना
- इनके आसपास के क्षेत्र
मीडियम पोटेंशियल जोन
इन क्षेत्रों में बिल्डिंग्स का विकास तेजी से होने की संभावना है, इसलिए यहां भी EDC बढ़ोतरी का असर देखा जाएगा:
- अंबाला
- करनाल
- कुरुक्षेत्र
- बहादुरगढ़
- हिसार
- रोहतक
- रेवाड़ी
- बावल
- पलवल
- जगाधरी-यमुनानगर
- धारूहेड़ा
- गन्नौर
- होडल
लो पोटेंशियल जोन
इन क्षेत्रों में EDC का ज्यादा असर नहीं होगा, क्योंकि यहां निर्माण कार्य धीमी गति से हो रहा है:
- भिवानी
- फतेहाबाद
- जींद
- कैथल
- महेंद्रगढ़
- नारनौल
- सिरसा
- झज्जर
8 साल बाद हुआ EDC में बदलाव
हरियाणा में 2015 की नीति के तहत पिछले 8 सालों से EDC वसूला जा रहा था। अब इस बढ़ोतरी के जरिए सरकार ने रेवेन्यू में वृद्धि की योजना बनाई है।
EDC दरों का पुनर्निर्धारण
- 2018 में, गुरुग्राम और रोहतक सर्किल की EDC दरों का निर्धारण IIT दिल्ली को सौंपा गया था।
- फरीदाबाद, पंचकूला और हिसार सर्किल की दरों का निर्धारण IIT रुड़की ने किया था।
आम लोगों पर EDC वृद्धि का असर
EDC में 20 प्रतिशत बढ़ोतरी और हर साल 10 प्रतिशत की वृद्धि से आम लोगों की जेब पर बड़ा असर पड़ेगा। बिल्डर यह बढ़ा हुआ शुल्क सीधे खरीदारों से वसूलेंगे, जिससे फ्लैट्स और प्लॉट्स की कीमतें और बढ़ेंगी।
मध्यवर्गीय परिवारों के लिए बढ़ेंगी चुनौतियां
- हाउसिंग लोन का बोझ बढ़ेगा।
- छोटे और मझोले शहरों में भी मकान खरीदना महंगा हो जाएगा।
सरकार का उद्देश्य और जनता की प्रतिक्रिया
सरकार का कहना है कि EDC से प्राप्त राशि को संबंधित क्षेत्रों के विकास पर खर्च किया जाएगा। हालांकि, आम जनता का मानना है कि इससे मकान खरीदने की प्रक्रिया और जटिल हो जाएगी।
EDC में वृद्धि से हरियाणा में मकान और फ्लैट्स की कीमतों में इजाफा होना तय है। खासतौर पर गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोहना जैसे क्षेत्रों में इसका सबसे ज्यादा असर पड़ेगा। अब देखने वाली बात यह है कि सरकार विकास कार्यों के लिए इस अतिरिक्त राजस्व का उपयोग कितने प्रभावी तरीके से करती है।