Haryana News: हरियाणा में जो लोग अपना बिजनेस शुरू करना चाहते हैं, उनके लिए अच्छी खबर है। दरअसल, प्रदेश की सैनी सरकार (Haryana Government) स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करने के लिए अब इनक्यूबेटरों को ज्यादा वित्तीय सहायता देगी। जिसके चलते सरकारी स्वामित्व वाले इनक्यूबेटरों को पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत, सरकार पोषित संस्थानों के लिए दो करोड़ रुपये और निजी संस्थानों के लिए एक करोड़ (New incubators will get subsidy up to Rs 2 crore in Haryana) रुपये तक की सब्सिडी दी जाएगी।
जानकारी के मुताबिक, उद्योग और वाणिज्य विभाग की ओर से हरियाणा स्टार्टअप नीति-2022 के तहत नई योजनाएं लाने की तैयारी है। नए स्टार्टअप वेयरहाउस या इनोवेशन कैंपस के विकास के लिए चार करोड़ रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाएगी। कंप्यूटर खरीद, फर्नीचर, पंखे या वाटर कूलर सहित अन्य के लिए तीन सालों तक हर साल एक करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे।
वहीं मोबाइल एप्लीकेशन विकास केंद्रों के निर्माण के लिए भी इसी तरह की सहायता की योजना है। प्रदेश के सरकारी और प्राइवेट यूनिवर्सिटी और कालेजों में 25 इनक्यूबेटर संचालित हैं। इसके अलावा 10 इनक्यूबेटर निजी क्षेत्र और 10 सरकार समर्थित हैं, जो मॅटरशिप, फंडिंग एक्सेस और बुनियादी ढांचागत सहायता सहित कई तरह की सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। वहीं 20 संस्थानों ने नए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने का प्रस्ताव भी प्रदेश सरकार के सामने रखा गया है।
50 लाख तक की सहायता
खबरों की मानें, तो शैक्षणिक स्तर पर नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकारी विश्वविद्यालयों और संस्थानों में नए इनक्यूबेशन सेंटर स्थापित करने के लिए 50 लाख रुपये तक की सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही खर्चों की पूर्ति के लिए भी पांच सालों के लिए हर साल 20 लाख रुपये दिए जाएंगे।
क्या बोले अधिकारी
खबरों की मानें, तो उद्योग और वाणिज्य विभाग के आयुक्त एवं सचिव डा. अमित कुमार अग्रवाल के मुताबिक लीज रेंट पर 50 प्रतिशत प्रतिपूर्ति (तीन सालों के लिए हर साल पांच लाख रुपये तक) की जाती है। स्टांप ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन शुल्क पर 100 प्रतिशत प्रतिपूर्ति दी जा रही है। सरकारी स्वामित्व वाले या समर्थित इनक्यूबेटरों को मेंटरशिप पहलों के लिए सालाना ढाई लाख रुपये मिलेंगे।

















