Haryana News: मनोहर सरकार के जाते ही एक बार फिर नायब सरकार ने ACB की पावर का कम कर दिया है। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अब भ्रष्टाचार के मामले की जांच रिपोर्ट सीधे लोकायुक्त को नहीं भेजेगा।
जानिए क्यो लिया ये फैसला
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने एसीबी को पावरफुल बनाते हुए आदेश जारी किए थे कि भ्रष्टाचार से जुड़े मामलों की लोकायुक्त के जरिये जांच होगी। इसके बाद प्रदेशभर के अफसरों के खिलाफ चल रही जांच की मुख्य सचिव कार्यालय तक सटीक जानकारी नहीं पहुंच रही थी और न ही उन मामलों की रिपोर्ट सरकार को मिल रही थी।
मुख्य सचिव कार्यालय हुआ पावरफुल
सरकार के नए आदेश के बाद मुख्य सचिव कार्यालय पावरफुल हो गया है। मुख्य सचिव द्वारा जारी आदेशों में कहा गया है कि लोकायुक्त द्वारा एसीबी को जिन मामलों की जांच के आदेश दिए जा रहे हैं, उनकी रिपोर्ट सरकार को भी देनी होगी।
ऐसे में उन अफसरों की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है, जिनके खिलाफ एसीबी जांच कर रहा है या फिर जांच पूरी कर चुका है। अब मुख्य सचिव कार्यालय की हरी झंडी मिलने के बाद ही लोकायुक्त के पास रिपोर्ट जाएगी।
जांच मामलों में दखल रहेगी सीएम कार्यालय की
नए आदेशों के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय का जांच मामलों में सीधा दखल बढ़ेगा क्योंकि मुख्य सचिव कार्यालय के माध्यम से जाने वाले मामलों की सीएम कार्यालय के पास पूरी जानकारी होगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से समय-समय पर एसीबी से अपडेट भी लिया जाएगा।
सरकार ने इस पर संज्ञान लेते हुए मामलों की जांच रिपोर्ट पहले मुख्य सचिव कार्यालय को देने के लिए कहा है।