Haryana News: हरियाणा में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत बड़ी गड़बड़ी सामने आई है। खबरों के मुताबिक प्रदेश में करीब 44 हजार दंपती ऐसे हैं जो दोनों ही योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा 9,700 से ज्यादा मामले ऐसे भी मिले हैं जिनमें जमीन बेचने वाले और खरीदने वाले दोनों ही योजना के लाभार्थी बने हुए हैं। जबकि जमीन बेचने वाला इस राशि का हकदार नहीं होता।
मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी बताया गया है कि करीब 1,400 ऐसे केस सामने आए हैं जहां कम उम्र के लोग या अन्य पात्रता न रखने वाले भी योजना का लाभ उठा रहे हैं। इसके अलावा 17 हजार मामले ऐसे हैं जिनमें पहले जमीन के मालिक योजना का लाभ ले रहे थे लेकिन अब उनकी जमीन किसी और के नाम है। साथ ही फर्द (जमीन के दस्तावेज) को लेकर भी तीन हजार से ज्यादा मामलों की जांच चल रही है।
योजना के तहत किसान को साल में तीन बार 2,000-2,000 रुपए की सहायता केंद्र सरकार की ओर से मिलती है। यह योजना दिसंबर 2018 में केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई थी। हरियाणा में अब तक लगभग 6,917 करोड़ रुपए की राशि किसानों को वितरित की जा चुकी है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत अब तक किसानों को 20 किश्तें दी जा चुकी हैं। इस योजना का लाभ अब सभी किसानों को मिलने लगा है जबकि शुरू में यह योजना केवल छोटे और मध्यम किसानों के लिए शुरू की गई थी। एक जून 2019 से यह योजना हर किसान के लिए खुली कर दी गई थी। योजना में यह शर्त रखी गई है कि लाभ लेने वाला किसान सरकारी नौकरी में न हो, इनकम टैक्स न देता हो। इसके अलावा मंत्री, पूर्व मंत्री, सांसद, विधायक, पंचायत चेयरमैन और मेयर जैसे पदाधिकारी इस योजना के पात्र नहीं हैं।
पहली किश्त में प्रदेश के 12.48 लाख से अधिक किसानों को करीब 249.79 करोड़ रुपए दिए गए थे। जबकि जुलाई 2025 में 16.77 लाख किसानों को 353.69 करोड़ रुपए की राशि दी गई। इस योजना में गड़बड़ी की खबरों के बाद अधिकारियों ने जांच तेज कर दी है ताकि सही लाभार्थियों को ही इसका फायदा मिल सके।

















