Haryana News: हरियाणा विधानसभा चुनावो से पहले पूर्व मंत्री राव नरबीर को बडी राहत मिली है।अपने शपथ पत्रों शैक्षणिक दस्तावेज के मामलो को लेकर हाईकोर्ट ने शिकायत कर्ता की याचिका खारिज कर दी गई है। जबकि यह मामला पिछले पांच साल से हाई कोर्ट में विचाराधीन था।
शपथ पत्र में दाखिल किए झूठे शैक्षणिक पत्र
उन्हें सूचना नहीं मिली और प्रथम अपील दाखिल करनी पड़ी। एक दिसंबर 2018 को उन्हें राव नरबीर के शपथ पत्रों और शैक्षणिक योग्यता की जानकारी मिली। उन्होंने आरोप लगाया है कि राव नरबीर ने झूठे शैक्षणिक पत्र दाखिल किए। राव नरबीर ने 2005, 2009 और 2014 में चुनाव लड़े और शपथ पत्र दाखिल किए।Haryana News
जानिए क्या था विवाद: बता दे कि राव नरबीर सिंह की शिक्षा को लेकर झूठे प्रमाण पत्र बताते हुए 2005 में शपथ पत्र दिया था। जिसमे कहा था 10वीं की पढ़ाई 1976 में माध्यमिक शिक्षा परिषद उत्तर प्रदेश से की है। इतना ही नहीं 2009 के चुनाव में शपथ पत्र दाखिल किया कि उन्होंने 10वीं बिरला विद्या मंदिर नैनीताल से की है।
चुनाव के भरे शपथ में पत्र में ये भी दिखाया गया था कि 1986 में हिंदी साहित्य में हिंदी विश्वविद्यालय, हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ग्रेजुएशन की है।
हाई कोर्ट ने आरटीआइ कार्यकर्ता हरेंद्र ढींगरा द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए पूर्व मंत्री राव नरबीर से जवाब मांगा था। Haryana News
बुधवार को हाईकोर्ट के जस्टिस महावीर सिंह संधू ने पिछले फैसला सुरक्षित रख फैसले को सुनाते हुए शिक्षा के कागजातो को लेकर याचिका को खारिज कर दिया।