Haryana News: हरियाणा सरकार ने छोटे तकनीकी और प्रक्रियागत चूकों को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है। अब इन मामलों में जेल की बजाय जुर्माना या प्रशासनिक कार्रवाई का विकल्प रहेगा। रविवार को हुई कैबिनेट बैठक में हरियाणा जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) अध्यादेश-2025 को लागू करने का प्रस्ताव मंजूर किया गया।
इस अध्यादेश के तहत 17 विभागों के 42 राज्य अधिनियमों के 164 प्रावधानों को अपराधमुक्त किया जाएगा। छोटे अपराधों के लिए चेतावनी और सुधार का मौका मिलेगा। इससे राज्य में कारोबार करना और नियमों का पालन करना आसान होगा। यह अध्यादेश केंद्र सरकार के अगस्त 2025 में पारित बिल पर आधारित है।
इस पहल का उद्देश्य नियामक बाधाओं को कम करना और जनता तथा उद्यमियों के लिए जीवन और कारोबार को सरल बनाना है। अब छोटे तकनीकी उल्लंघनों के लिए लंबे कानूनी प्रक्रियाओं का सामना नहीं करना पड़ेगा।
कैबिनेट ने हरियाणा मानव इम्यूनोडिफिशिएंसी वायरस और एक्वायर्ड इम्यूनोडिफिशिएंसी सिंड्रोम (रोकथाम एवं नियंत्रण) अधिनियम के तहत राज्य नियम बनाने की मंजूरी दी है। छह प्रशासनिक प्रभागों में आयुक्त लोकपाल नियुक्त होंगे जो एचआईवी और एड्स पीड़ितों की शिकायतों का निपटारा करेंगे।
रोहतक, हिसार, करनाल, गुरुग्राम, फरीदाबाद और अंबाला में नियुक्त लोकपाल संबंधित जिले के सिविल सर्जनों के समन्वय से काम करेंगे। सभी स्वास्थ्य केंद्रों और एआरटी केंद्रों में रेट्रोवायरल थैरेपी (ART) दवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे मरीजों को बेहतर सुविधा और तत्काल मदद मिलेगी।

















