Haryana News: हरियाणा के अति पिछड़े जिलों में शुमार नूंह के किसानों के लिए एक बड़ी राहत की खबर आई है। यहां बंजर और बारिश पर निर्भर भूमि को स्थायी सिंचाई पानी मिलने की संभावना बन गई है। गुरुग्राम से होकर नूंह और पलवल होते हुए यमुना नदी तक बनाए जाने वाले नए बरसाती नाले से यह संभव होगा। यदि यह प्रोजेक्ट पूरा होता है, तो नूंह के किसानों की सालों पुरानी मांग पूरी हो जाएगी।
हाल ही में केंद्रीय उर्जा एवं शहरी आवास मंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में बैठक हुई, जिसमें गुरुग्राम के जलभराव की समस्या का स्थायी समाधान तलाशा गया। इस बैठक में निर्णय लिया गया कि गुरुग्राम से सोहना, नूंह और पलवल होते हुए यमुना नदी तक एक नया बरसाती नाला बनाया जाएगा। इस नाले से नजफगढ़ नाले पर दबाव कम होगा और नूंह जिले में पानी की उपलब्धता बढ़ेगी।
बैठक के दौरान मंत्री खट्टर ने अधिकारियों को एक महीने के भीतर प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (DPR) तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह नाला न केवल गुरुग्राम और आसपास के शहरों के जलभराव की समस्या दूर करेगा, बल्कि ग्रामीण इलाकों में जल प्रबंधन और खेती में बदलाव लाने वाला कदम साबित होगा। इस प्रोजेक्ट की प्रगति पर हरियाणा सरकार के मंत्री राव नरबीर सिंह निगरानी रखेंगे।
नूंह जिले के किसान मुख्य रूप से गेहूं, सरसों, कपास, बाजरा और ज्वार की खेती पर निर्भर हैं। बारिश पर निर्भरता के कारण उनकी खेती सीमित रह जाती है। नए बरसाती नाले से खेतों में स्थायी पानी उपलब्ध होगा, जिससे उत्पादन बढ़ेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।
किसानों का कहना है कि नूंह की जमीन बहुत उपजाऊ है, लेकिन सिंचाई पानी की कमी के कारण उसकी पूरी क्षमता का उपयोग नहीं हो पाता। इस प्रोजेक्ट से उनके जीवन में खुशहाली आएगी और नूंह तथा आसपास के क्षेत्रों में जल प्रबंधन की तस्वीर बदल जाएगी। यह नाला किसानों के लिए किसी वरदान से कम नहीं होगा।

















