Haryana News: पंजाब चिकित्सा संस्थान (PGI) रोहतक के ठेकेदार कर्मचारियों ने सोमवार को हड़ताल शुरू कर दी। कर्मचारियों की प्रमुख मांग है कि उन्हें हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) में शामिल किया जाए। यह हड़ताल इस मांग की पूर्ति न होने के कारण शुरू की गई है। हड़ताल कर रहे कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया, तो वे सभी सेवाएं बंद कर देंगे।
कर्मचारियों की निराशा और प्रशासन की अनसुनी
कर्मचारियों का कहना है कि प्रशासन उनकी समस्याओं को अनसुनी कर रहा है। हरियाणा सरकार ने पहले घोषणा की थी कि ठेकेदार प्रणाली को खत्म कर कर्मचारियों को HKRN में शामिल किया जाएगा। इस योजना के तहत, संस्थान के कई कर्मचारियों को रोजगार निगम में शामिल कर लिया गया है, लेकिन अन्य कर्मचारियों को अब भी ठेकेदार के तहत काम करना पड़ रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि उन्होंने बार-बार प्रशासन से अपनी समस्याओं को हल करने की अपील की है, लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया।
कर्मचारियों का शोषण और ठेकेदारों का व्यवहार
कर्मचारियों ने आरोप लगाया कि ठेकेदारों ने कई कर्मचारियों को निकाल दिया है, जिन्हें तुरंत बहाल किया जाना चाहिए। उनका कहना है कि सभी कर्मचारियों को HKRN पोर्टल पर अपलोड किया जाना चाहिए ताकि उन्हें स्थायी रोजगार मिल सके और ठेकेदारी व्यवस्था का अंत हो सके। हड़ताल पर बैठे कर्मचारियों ने यह भी कहा कि उन्हें कड़ी सर्दी में विरोध प्रदर्शन करना पड़ रहा है, लेकिन वे अपनी मांगों के लिए संघर्ष जारी रखेंगे।
कर्मचारी सरकार से जवाब की उम्मीद कर रहे हैं
हड़ताल में बैठे कर्मचारी, PGI के विजय पार्क में जमा होकर अपनी मांगों का समर्थन कर रहे हैं। उन्होंने राज्य सरकार से अपील की है कि अगर इस हड़ताल के दौरान किसी कर्मचारी की जान या संपत्ति का नुकसान होता है, तो इसके लिए हरियाणा सरकार और PGI प्रशासन जिम्मेदार होंगे। कर्मचारियों का कहना है कि उनकी मांगें पूरी होने तक उनका संघर्ष जारी रहेगा।
हरियाणा कौशल रोजगार निगम का महत्व
हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) का उद्देश्य राज्य के युवाओं को स्थायी रोजगार प्रदान करना है और ठेकेदार व्यवस्था को समाप्त कर संस्थानों में स्थिरता लाना है। कर्मचारियों का कहना है कि इस योजना का लाभ सभी कर्मचारियों को मिलना चाहिए, ताकि वे भी स्थायी और सुरक्षित रोजगार के हकदार बन सकें।
हड़ताल का असर और भविष्य
PGI रोहतक में चल रही इस हड़ताल का असर अस्पताल की सेवाओं पर भी पड़ा है। कर्मचारियों की हड़ताल के कारण अस्पताल में कुछ सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। इसके साथ ही, हड़ताल के कारण मरीजों को भी परेशानी हो सकती है। कर्मचारियों ने यह स्पष्ट किया है कि वे अपनी मांगों को लेकर गंभीर हैं और यदि उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तो वे आगामी दिनों में और भी कठोर कदम उठा सकते हैं।
पीजीआई रोहतक प्रशासन का दृष्टिकोण
अब तक PGI रोहतक प्रशासन की ओर से कर्मचारियों की हड़ताल पर कोई स्पष्ट प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि वे कर्मचारियों के मुद्दों पर विचार कर रहे हैं और जल्द ही इस मामले में कोई समाधान निकाला जाएगा।
इस हड़ताल ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या राज्य सरकार और PGI प्रशासन अपने कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान जल्दी करेंगे या यह हड़ताल और लंबी खिचेगी। कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से एकजुट हैं और अब यह देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस मुद्दे पर क्या कदम उठाते हैं।
PGI रोहतक के ठेकेदार कर्मचारियों की हड़ताल ने यह साबित कर दिया है कि अगर कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान समय रहते नहीं किया जाता है, तो इसका असर अस्पताल की सेवाओं और मरीजों पर भी पड़ सकता है। यह जरूरी है कि सरकार और प्रशासन मिलकर इस समस्या का हल निकालें ताकि कर्मचारियों को उनका हक मिले और अस्पताल की सेवाओं में कोई रुकावट न आए।