Haryana के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य के कई सरकारी स्कूलों में अब तक छात्रों के बैठने के लिए उचित व्यवस्था नहीं थी, जिसके कारण वे जमीन पर या चटाई पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर थे। इस समस्या को हल करने के लिए शिक्षा विभाग ने नए शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं और संसाधन उपलब्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
ड्यूल डेस्क की मांग को लेकर निर्देश जारी
माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को पत्र लिखकर स्कूलों में ड्यूल डेस्क की मांग भेजने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही निदेशालय ने एक प्रोफार्मा भी जारी किया है, जिसे शिक्षकों को भरकर जिला स्तर पर भेजना होगा। इस प्रोफार्मा में स्कूल और ब्लॉक का नाम, कक्षा 9वीं से 12वीं तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या और आवश्यक ड्यूल डेस्क की जानकारी भरनी होगी।
शिक्षा निदेशालय ने स्पष्ट किया है कि यदि प्रोफार्मा के आधार पर दी गई जानकारी गलत पाई जाती है, तो संबंधित स्कूल प्रमुख के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
स्कूलों में संसाधनों की चार दिवसीय जांच
हाल ही में शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में कक्षाओं और संसाधनों की जांच करवाई थी। इस चार दिवसीय सत्यापन प्रक्रिया के दौरान शिक्षा निदेशालय और जिला स्तर के अधिकारियों ने स्कूलों का दौरा कर सुविधाओं का मूल्यांकन किया।
इस जांच की रिपोर्ट 5 मार्च तक निदेशालय को भेजी जाएगी। इससे पहले विभाग ने छात्रों के बैठने के लिए ड्यूल डेस्क की मांग पर रिपोर्ट मांगी है, ताकि नए शैक्षणिक सत्र से पहले इनकी आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
शारीरिक सत्यापन की प्रक्रिया मार्च 1 तक जारी रहेगी
स्कूलों में उपलब्ध संसाधनों के भौतिक सत्यापन की प्रक्रिया 1 मार्च तक चलेगी। इसके तहत जिला स्तर पर प्राप्त रिपोर्ट के आधार पर तकनीकी टीम 10 प्रतिशत स्कूलों का निरीक्षण करेगी। इस निरीक्षण के आधार पर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर 5 मार्च तक शिक्षा निदेशालय को भेजी जाएगी।
सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाओं की जरूरत
हरियाणा के कई सरकारी स्कूलों में लंबे समय से बुनियादी सुविधाओं की कमी बनी हुई थी। इनमें छात्रों के बैठने के लिए डेस्क, स्वच्छ पेयजल, शौचालय और पुस्तकालय जैसी सुविधाओं की भारी कमी थी। छात्रों को उचित संसाधन न मिल पाने के कारण उनकी पढ़ाई भी प्रभावित होती थी।
अब सरकार द्वारा उठाए गए इस कदम से सरकारी स्कूलों में पढ़ाई का स्तर बेहतर होगा और छात्रों को अनुकूल वातावरण मिलेगा। यह निर्णय शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने और विद्यार्थियों को बेहतर सुविधाएं देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
शिक्षकों और अभिभावकों की प्रतिक्रिया
सरकार द्वारा ड्यूल डेस्क उपलब्ध कराने की योजना को शिक्षकों और अभिभावकों ने सकारात्मक रूप से लिया है। उनका मानना है कि इस पहल से छात्रों को कक्षा में बेहतर तरीके से बैठने और पढ़ाई करने का अवसर मिलेगा। शिक्षकों का कहना है कि कई बार विद्यार्थियों को जमीन पर बैठने के कारण पीठ दर्द और अन्य शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता था। ड्यूल डेस्क की व्यवस्था से यह समस्या दूर होगी।
अभिभावकों ने भी सरकार के इस निर्णय की सराहना की है। उनका कहना है कि सरकारी स्कूलों में शिक्षा को मजबूत करने के लिए यह एक जरूरी कदम था। अगर सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं बेहतर होंगी, तो अधिक से अधिक छात्र इन स्कूलों की ओर आकर्षित होंगे।
सरकार की शिक्षा नीति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
हरियाणा सरकार शिक्षा के क्षेत्र में सुधार लाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी स्कूलों में स्मार्ट क्लास, डिजिटल शिक्षा, और इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। ड्यूल डेस्क की सुविधा उपलब्ध कराना भी इसी दिशा में एक अहम पहल है, जिससे सरकारी स्कूलों के छात्रों को भी निजी स्कूलों की तरह बेहतर सुविधाएं मिल सकेंगी।
हरियाणा सरकार का यह कदम सरकारी स्कूलों की स्थिति को सुधारने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। ड्यूल डेस्क मिलने से छात्रों को बैठने की उचित व्यवस्था मिलेगी और उनका ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित रहेगा। शिक्षा विभाग का यह प्रयास यह सुनिश्चित करेगा कि छात्रों को बुनियादी सुविधाओं की कमी के कारण किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े।
अगर सरकार इसी तरह सरकारी स्कूलों की बुनियादी सुविधाओं को सुधारने के लिए निरंतर प्रयास करती रही, तो निश्चित रूप से राज्य में शिक्षा का स्तर बेहतर होगा और सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या भी बढ़ेगी।

















