Haryana News: हरियाणा में यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) एक अगस्त से लागू हो जाएगी। इसके दायरे में एक जनवरी 2006 या उसके बाद सेवा में आए दो लाख से अधिक कर्मचारी आएंगे। कर्मचारियों के पास राष्ट्रीय पेंशन सिस्टम (एनपीएस) या यूपीएस में से किसी एक को चुनने का विकल्प रहेगा। एक बार यूपीएस का विकल्प चुनने पर यही विकल्प अंतिम होगा।
CM Haryana news के नेतृत्व में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में इसे लागू करने की मंजूरी दी गई। इसके लागू होने के बाद सरकार के खजाने पर 600 करोड़ रुपये का वार्षिक वित्तीय भार पड़ेगा। Haryana News
बोर्डों,निगमों,सार्वजनिक उपक्रमों- ब्यूरो व राज्य के विश्वविद्यालयों में यूपीएस के कार्यान्वयन के बारे में निर्णय बाद में लिया जाएगा। मंत्रिमंडल की बैठक में वीरवार को 33 में से 32 प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।
सरकार शहीद सैनिकों व अर्धसैनिक बलों के जवानों के बच्चों के लिए विशेष छात्रवृत्ति योजना भी शुरू करेगी। इसके तहत कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को सालाना 60 हजार रुपये, स्नातक स्तर पर 72 हजार व स्नातकोत्तर स्तर पर 96 हजार रुपये प्रति वर्ष छात्रवृत्ति मिलेगी।Haryana News
इस योजना से 189 छात्रों को छात्रवृत्ति के रूप में 1.31 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी। भाजपा ने इसका वादा अपने संकल्प पत्र में किया था।
बता दे कि अब सरकारी विभागों, बोर्डों व निगमों में कार्यरत नियमित महिला कर्मचारियों को 25 आकस्मिक अवकाश दिया जाएगा। जबकि इससे पहले 20 मिलते थे। 30 जून से पहले नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को 20 के स्थान पर 25 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे।
30 जून से 30 सितंबर के बीच नियुक्त होने वाली महिलाओं को 10 के बजाय 12 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। वहीं, 30 सितंबर के बाद नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को 5 के स्थान पर 6 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे। 30 नवंबर के बाद नियुक्त होने वाली कर्मचारियों को 2 के बजाय 3 आकस्मिक अवकाश मिलेंगे।
कितना कर्मचारी व सरकार का योगदान होगा
NPS में कर्मचारी अपनी बेसिक सैलरी का 10 फीसदी अंशदान देता है, जबकि सरकारी योगदान 14 फीसदी होता है। यूपीएस में सरकार का योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी का 18.5 फीसदी होगा। सेवानिवृत्ति के समय एकमुश्त भुगतान की भी अनुमति दी जाएगी।
इनकों को भी मिलेगा लाभ
UPS के तहत कर्मचारियों को एक निश्चित पेंशन दी जाएगी, जो उसके रिटायरमेंट के पहले के आखिरी 12 महीने की औसत बेसिक सैलरी का 50 फीसदी होगा। इस पेंशन के लिए कम से कम 25 साल तक की नौकरी अनिवार्य है।
कर्मचारी की मृत्यु होने पर परिवार को भी एक निश्चित पेंशन मिलती रहेगी, जो उसे मिलने वाली पेंशन का 60 फीसदी होगी। 10 साल की नौकरी करने पर कम से कम 10 हजार रुपये की पेंशन मिलेगी। जो कर्मचारी ]\ के चालू होने से पहले सेवानिवृत्त हुए और यूपीएस का विकल्प चुनते हैं, पेंशन फंड विनियामक और विकास प्राधिकरण उनके लिए टॉप-अप राशि प्रदान करने की व्यवस्था करेगा।

















