हरियाणा में गरीबों के लिए सरकारी योजनाओं का लाभ सही व्यक्ति तक पहुंचे, इसके लिए राज्य सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग ने जून में जिला स्तर पर बीपीएल (bpl ration card) और एएवाई कार्ड की सख्त जांच शुरू की थी।
इसके तहत 70,000 से ज्यादा ऐसे लोगों को बीपीएल सूची से बाहर किया गया है, जो नियमानुसार पात्र नहीं थे। यह कार्रवाई न केवल पारदर्शिता बढ़ाने के लिए बल्कि जरूरतमंद परिवारों को उनका हक दिलाने के लिए भी जरूरी है।
सरकार की जांच में सामने आया है कि कई ऐसे लोग भी बीपीएल कार्ड का लाभ उठा रहे थे, जिनके पास पर्याप्त संसाधन और आय थी। इनमें से कई ऐसे परिवार हैं, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से ज्यादा है या जिनके पास वाहन, संपत्ति या अन्य सुविधाएं हैं। सरकार का लक्ष्य सिर्फ उन्हीं परिवारों को बीपीएल सूची में रखना है, जो वास्तव में आर्थिक रूप से कमजोर हैं।
बीपीएल कार्ड के लिए क्या हैं नियम?
हरियाणा सरकार के नियमों के अनुसार बीपीएल कार्ड केवल उन्हीं लोगों को दिए जाते हैं-
जिनकी वार्षिक आय 1.80 लाख रुपये से कम हो।
जिनके पास कोई निजी वाहन न हो।
परिवार का कोई भी सदस्य आयकर दाता न हो।
लाभार्थी राज्य का स्थायी निवासी होना चाहिए।

















