Haryana News: हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र में हरियाणा नगर पालिका विधेयक, 2025 पारित होने के बाद राज्य की शहरी स्थानीय निकाय व्यवस्था में बड़ा बदलाव हो गया है। अब राज्य के सभी नगर निगम, नगर परिषद और नगर समितियां एक ही कानून के तहत संचालित होंगी। सरकार ने दो पुराने कानूनों हरियाणा नगर पालिका अधिनियम, 1973 और हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1994 को समाप्त कर एक व्यापक कानून लागू किया है। इस बदलाव के बाद कई नगर निगमों की कानूनी स्थिति को लेकर नए सवाल खड़े हो गए हैं।
मुख्य प्रावधान संक्षेप में Haryana News
- नए कानून के तहत 50 हजार तक की आबादी वाले शहरी क्षेत्र में नगर परिषद होगी
- 50 हजार से तीन लाख आबादी वाले क्षेत्रों में नगर समिति गठित की जाएगी
- तीन लाख से अधिक आबादी वाले क्षेत्रों में नगर निगम बनाया जाएगा
- जिला मुख्यालयों पर स्थित नगर निकायों के लिए आबादी की सीमा लागू नहीं होगी
पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता और नगर पालिका कानून के जानकार हेमंत कुमार के अनुसार, विधेयक की धारा तीन में यह प्रावधान स्पष्ट रूप से दर्ज है। हालांकि, उन्होंने इस बात पर सवाल उठाया है कि जिला मुख्यालयों के लिए आबादी को शर्त से बाहर रखने का उद्देश्य क्या है और इसके पीछे सरकार की मंशा क्या है। उनके मुताबिक यह प्रावधान भविष्य में कानूनी विवादों का कारण बन सकता है।
वर्तमान स्थिति की बात करें तो हरियाणा में कुल 11 नगर निगम हैं। इनमें से केवल मानेसर ऐसा नगर निगम है, जो उप-विभागीय मुख्यालय में स्थित है। इसके अलावा अंबाला, फरीदाबाद, हिसार, गुरुग्राम, करनाल, पंचकूला, पानीपत, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित हैं। नए कानून के अनुसार इन सभी नगर निगमों की स्थिति को आबादी के बजाय प्रशासनिक मुख्यालय से जोड़ा गया है। Haryana News
राज्य में भिवानी, चरखी दादरी, फतेहाबाद, झज्जर, जींद, कैथल, नारनौल, नूंह, पलवल, रेवाड़ी, सिरसा और थानेसर में नगर परिषदें कार्यरत हैं। इसके अलावा हांसी, जो हाल ही में राज्य का 23वां जिला बना है, वहां भी नगर परिषद है। अंबाला सदर, बहादुरगढ़, गोहाना, होडल, कालका, मंडी डबवाली, नरवाना, पटौदी जटोली मंडी, समालखा, सोहना और टोहाना सहित 11 अन्य स्थानों पर भी नगर परिषदें मौजूद हैं। Haryana News
नए कानून के लागू होने के बाद अब यह देखना अहम होगा कि सरकार इन प्रावधानों को जमीन पर कैसे लागू करती है और क्या इससे शहरी निकायों की संरचना में कोई बड़ा बदलाव होता है या फिर यह मामला अदालतों तक पहुंचता है। Haryana News

















