चंडीगढ़: हरियाणा के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी का मुद्दा एक बार फिर उभर कर सामने आया है। शिक्षा विभाग की ताजा एमआईएस रिपोर्ट के अनुसार, प्रदेश में कुल 1,22,359 शिक्षक पद स्वीकृत हैं, जिनमें से 29,866 पद फिलहाल खाली पड़े हैं। सबसे बड़ी कमी टीजीटी (ट्रेंड ग्रेजुएट टीचर) कैडर में दर्ज की गई है, जहां 42,067 स्वीकृत पदों में से 14,187 पद रिक्त हैं।Haryana News
रिपोर्ट के मुताबिक, पीजीटी (पोस्ट ग्रेजुएट टीचर) कैडर में 38,861 पदों में से 9,818 खाली हैं, जबकि पीआरटी/जेबीटी श्रेणी में भी 5,461 पदों पर शिक्षकों की तैनाती नहीं है। इस समय प्रदेशभर में केवल 92,493 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें 81,388 नियमित और 11,105 गेस्ट टीचर शामिल हैं।
इसके अलावा 6,667 एचकेआरएन कर्मचारी भी स्कूलों में शिक्षण कार्य कर रहे हैं, जिनमें से अकेले 5,538 टीजीटी कैडर में और 1,129 पीजीटी कैडर में हैं।Haryana News
विषयवार रिक्तियों की बात करें तो टीजीटी अंग्रेजी के 1,315, सोशल स्टडीज के 1,116 और ड्राइंग के 1,359 पद खाली हैं। वहीं, पीजीटी कंप्यूटर साइंस में स्थिति सबसे गंभीर है, जहां 2,230 में से 1,859 पद रिक्त हैं। टीजीटी साइंस में भी 6,056 पदों में से 1,743 खाली हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इतनी बड़ी संख्या में गेस्ट और अस्थायी शिक्षकों पर निर्भरता शिक्षा की गुणवत्ता पर गंभीर असर डाल रही है।
शिक्षा विभाग के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर जिले सिंह ने कहा कि स्कूलों में शिक्षकों की कमी के कारण बच्चों की पढ़ाई और सरकारी शिक्षा योजनाओं का प्रभाव दोनों प्रभावित हो रहे हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को शीघ्र स्थायी भर्ती प्रक्रिया शुरू करनी चाहिए ताकि शिक्षा व्यवस्था में स्थायित्व और गुणवत्ता सुनिश्चित हो सके।Haryana News

















