हरियाणा: न कोचिंग के पैसा न पढाई के लिए किताबें। सिर्फ दिन भर यही चिंता रहती थी आज कैसे रोजी रोटी चलेगी। लेकिन मेहनत ने एक दिन ऐसा रंग दिखाया कि होटल पर काम करने वाले वेटर ने नायब तहसीलदार की कुर्सी हासिल कर ली।
जानिए सफलता का राज: हिमांशु उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर के पास औरैया के रहने वाले हैं। उनके पिता का निधन हो गया। हिमांशु के दो छोटे भाई भी हैं। जो अभी पढ़ाई कर रहे हैं।
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हिमांशु ने की हुई है एमकॉम की पढ़ाई
हिमांशु ने एमकॉम की पढ़ाई की है। उन्हें वर्दी बहुत पसंद है इसलिए पहले सेना में भर्ती होना चाहते थे लेकिन, वो सपना पूरा नहीं हो सका। पिता के देहांत के बाद हिमांशु ने रोजी रोटी के लिए हरियाणा के होटल पर वेटर का काम किया।
उन्होंने अपने घर पर कभी नहीं बताया कि वह वेटर का काम करते हैं। हिमांशु की जिंदगी में कई बार ऐसे मौके आए जब उसे भूखा ही सोना पडा।
हिमांशु का कहना है कि वह दिन में काम करते थे और रात में पढ़ाई करते थे। होटल स्टाफ और मालिक ने भी उनकी पढ़ाई और परिवार चलाने में काफी मदद की है।
झठे बर्तन मांझे, भूखा भी सोया
हिमांशु ने खाना परोसने, टेबल साफ करने, बर्तन धोने और झाड़ू- पोंछा करने का काम किया. उन्होंने कभी भी किसी काम को छोटा या बड़ा नहीं समझा।
देशी ढाणी के मालिक सुनील खत्री ने बताया कि हिमांशु बेहद लगनशील और मेहनती युवक है। उनकी नियुक्ति पर हमें बडा गर्व है।
भारतीय तैराकी संघ के उपप्रधान, हरियाणा ओलम्पिक संघ के महासचिव और हरियाणा तैराकी संघ के महासचिव अनिल खत्री ने फूलमाला और मिठाई खिलाकर हिमांशु को उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दीI वहीं होटल मालिक सुनील खत्री और विकास खत्री ने भी फूलमाला पहनाकर हिमांशु को बधाई दीI