Haryana सरकार राज्य के युवाओं के कौशल विकास के लिए ‘गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना’ शुरू करने जा रही है। इस योजना की घोषणा केंद्रीय मंत्री और पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने करीब डेढ़ साल पहले की थी, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा सका। अब इस योजना को बजट में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। प्रारंभिक चरण में इस योजना पर लगभग 200 करोड़ रुपये खर्च किए जा सकते हैं।
इस योजना के तहत देश के पहले कौशल विश्वविद्यालय, दुधला (पलवल) के सहयोग से 75,000 युवाओं को कुशल बनाया जाएगा। यह विश्वविद्यालय भगवान विश्वकर्मा के नाम पर स्थापित किया गया है और इसे कौशल विकास के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र माना जाता है।
योजना के ब्लूप्रिंट को तैयार करने के आदेश
हरियाणा सरकार ने राज्य के लगभग 25,000 श्रमिकों के कौशल को बढ़ाने के साथ-साथ पहले चरण में 25,000 युवाओं को कुशल बनाने की योजना बनाई है। इसके लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जा रही है।
हरियाणा के युवा सशक्तिकरण, उद्यमिता और खेल राज्य मंत्री गौरव गौतम ने चंडीगढ़ में विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया कि ‘गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना’ का नया ब्लूप्रिंट तैयार करें ताकि इसे 2025-26 के बजट में लागू करने के लिए आवश्यक धनराशि का प्रावधान किया जा सके।
बजट में इन योजनाओं के लिए होगा प्रावधान
सरकार ने राज्य के हर जिले में आईटीआई (औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) में कौशल केंद्र बनाने और पांच जिलों में युवा छात्रावासों के निर्माण की योजना भी तैयार की है। गौरव गौतम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इसका पूरा प्रस्ताव तैयार किया जाए।
इसके अलावा, राज्य के बजट में इन योजनाओं के लिए वित्तीय प्रावधान किया जाएगा। जिन पांच जिलों में युवा छात्रावास बनाए जाएंगे, उनकी पहचान बजट स्वीकृति के बाद की जाएगी। साथ ही, सभी आईटीआई संस्थानों में बहुउद्देशीय हॉल के निर्माण की योजना भी बनाई जाएगी।
युवाओं के लिए जिला स्तर पर युवा संसद का आयोजन
राज्य में युवाओं को जागरूक और सक्रिय करने के लिए जिला स्तर पर ‘युवा संसद’ के आयोजन की भी योजना बनाई गई है। इसमें प्रत्येक जिले में 8,000 से 10,000 युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी।
गौरव गौतम ने बैठक में कहा कि ‘गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना’ सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है। इसके तहत पहले चरण में 25,000 युवाओं को कौशल विकास प्रशिक्षण दिया जाएगा। इससे युवाओं की प्रतिभा को निखारने का अवसर मिलेगा, जिससे वे न केवल अच्छी कंपनियों और कारखानों में काम कर सकेंगे, बल्कि अपना स्वयं का रोजगार भी स्थापित कर सकेंगे।
आईटीआई छात्रों को मिलेगा रोजगार
इस योजना के तहत प्रशिक्षित युवा भविष्य में अन्य युवाओं को भी रोजगार प्रदान करने में सक्षम होंगे। गौरव गौतम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि आईटीआई छात्रों को अधिकतम रोजगार उपलब्ध कराने के लिए कंपनियों और औद्योगिक इकाइयों से संपर्क करें।
इसके अलावा, उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि उन युवाओं का रिकॉर्ड तैयार करें, जिन्हें अब तक रोजगार मिला है, ताकि आगामी बैठकों में इसकी समीक्षा की जा सके।
उन्होंने यह भी बताया कि अगले पांच वर्षों के भीतर राज्य के विभिन्न जरूरतमंद ब्लॉकों में 26 नए आईटीआई स्थापित किए जाएंगे। इससे राज्य के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने में किसी प्रकार की कठिनाई का सामना नहीं करना पड़ेगा। इसकी रूपरेखा तैयार की जा रही है।
सरकार का लक्ष्य: युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना
राज्य मंत्री गौरव गौतम ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘कौशल भारत’ विजन के अनुरूप अधिकतम युवाओं को रोजगार देने के लिए नए पाठ्यक्रम तैयार किए जाएं।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार का मुख्य उद्देश्य राज्य के अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराना है। इसके लिए ‘सक्षम योजना’, ‘ड्रोन दीदी योजना’ और ‘प्रधानमंत्री किसान कल्याण निधि योजना’ जैसी योजनाओं को प्रभावी रूप से लागू करने की पहल की जाएगी।
इस बैठक में युवा सशक्तिकरण और उद्यमिता के अतिरिक्त मुख्य सचिव विजयेंद्र कुमार सहित विश्वविद्यालयों के अधिकारी भी उपस्थित थे।
‘गुरु-शिष्य कौशल सम्मान योजना’ हरियाणा सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य युवाओं को कुशल बनाना और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान करना है। इस योजना के माध्यम से हजारों युवाओं को प्रशिक्षण देकर उद्योगों और कंपनियों में रोजगार दिलाने की योजना बनाई गई है।
इस योजना के तहत कौशल प्रशिक्षण प्राप्त करने वाले युवा न केवल आत्मनिर्भर बनेंगे, बल्कि वे अन्य युवाओं को भी रोजगार देने में सक्षम होंगे। सरकार द्वारा आईटीआई में कौशल केंद्रों की स्थापना, युवा छात्रावासों का निर्माण और बहुउद्देशीय हॉल के निर्माण जैसी योजनाओं से राज्य में कौशल विकास को और अधिक बढ़ावा मिलेगा।

















