मौसमदिल्लीबिहार विधानसभा चुनाव 2025CET 2025राजस्थानमनोरंजनराशिफलबिजनेसऑटो मोबाइलरेवाड़ीआध्यात्मिकअन्य

हरियाणा सरकार ने किसानों को दी बड़ी खुशखबरी, सांझी जमीन के विवाद होंगे खत्म, सरकार ने कर दिया ये ऐलान

On: June 23, 2025 9:06 PM
Follow Us:
Haryana government gave good news to farmers, disputes over shared land will end, government made this announcement

हरियाणा सरकार ने लंबे समय से लंबित भूमि विवादों के समाधान और संपत्ति विभाजन की प्रक्रिया में तेजी लाने के उद्देश्य से हरियाणा भूमि-राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 2025 लागू किया है। इस अधिनियम में किया गया संशोधन विशेष रूप से संयुक्त भूमि जोत परिवार के सदस्यों के बीच उत्पन्न होने वाली जटिलताओं का समाधान करता है।

वित्त आयुक्त एवं गृह विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव सुमिता मिश्रा ने बताया कि यह नया कानून – हरियाणा भूमि-राजस्व (संशोधन) अधिनियम, 2025 – उन प्रमुख समस्याओं का समाधान करता है, जिनमें कई पारिवारिक सदस्य एक साथ किसी भूमि के स्वामी होते हैं। पहले की स्थिति में यदि भाई-बहन या अन्य रक्त संबंधी किसी भूमि के साझे मालिक होते थे, तो बिना सामूहिक सहमति के सरकार उस भूमि का विभाजन करने में अक्षम रहती थी।

यह भी पढ़ें  8th Pay Commission: 8वें वेतन आयोग को लेकर बड़ा अपडेट, कर्मचारियों को जल्द मिलेगी खुशखबरी

डॉ. मिश्रा ने बताया कि अब इस अधिनियम के माध्यम से धारा 111-ए का विस्तार करते हुए इसे लगभग सभी भूमि मालिकों पर लागू किया गया है, केवल पति-पत्नी को इस दायरे से बाहर रखा गया है। इसका अर्थ है कि अब रक्त संबंधियों के बीच साझा भूमि पर चल रहे अधिकांश विवादों का शीघ्र समाधान संभव हो सकेगा।

इन विवादों के निपटान की प्रक्रिया को और तेज करने के लिए, अब राजस्व अधिकारी स्वतः संज्ञान लेते हुए संयुक्त भूमि स्वामियों को नोटिस जारी कर सकेंगे। ये नोटिस सभी साझेदारों को छह महीने के भीतर आपसी सहमति से भूमि विभाजन के लिए प्रोत्साहित करेंगे, ताकि भूमि अभिलेखों का नियमितीकरण हो सके और प्रत्येक भूमि स्वामी को स्पष्ट अधिकार मिल सके। इससे भविष्य में विवादों की गुंजाइश कम होगी और न्यायालयों में मुकदमेबाजी से बचा जा सकेगा।

यह भी पढ़ें  Mousum Update: दिल्ली समेत इन राज्यों में बरसेगी आग! IMD ने अगले 2 दिनों के लिए जारी की बड़ी चेतावनी

उन्होंने बताया कि एक अन्य महत्वपूर्ण बदलाव के तहत अब धारा 114 को समाप्त कर दिया गया है। पहले इस धारा के अंतर्गत राजस्व अधिकारियों को यह जांच करनी होती थी कि क्या अन्य सह-स्वामी भी विभाजन चाहते हैं और उन्हें आवेदनकर्ता के रूप में शामिल करना होता था। अब किसी भी एक साझेदार द्वारा किए गए आवेदन पर उसका हिस्सा विभाजित किया जा सकेगा, भले ही अन्य सह-स्वामी सहमत हों या नहीं। इससे प्रक्रिया और अधिक तेज एवं सरल हो जाएगी और प्रत्येक स्वामी को अपनी भूमि का स्वतंत्र उपयोग करने का अधिकार मिलेगा।

यह भी पढ़ें  Haryana Cold Waves: कोहरा व ठंड का सितम, 14 जिलो में रेड अलर्ट

डॉ. सुमिता मिश्रा ने कहा कि ये संशोधन भूमि प्रशासन को तेज, सरल और नागरिक केंद्रित बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसका उद्देश्य विभाजन संबंधी मामलों में देरी और कानूनी विवादों को कम करना, प्रत्येक भूमि स्वामी को उनके हिस्से पर अधिकार और उपयोग का अवसर देना तथा राजस्व प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।

Sunil Chauhan

मै पिछले दस साल से पत्रकारिता में कार्यरत हूं। जल्दी से जल्दी देश की की ताजा खबरे को आम जनता तक पहुंचाने के साथ समस्याओं को उजाकर करना है।

Join WhatsApp

Join Now

google-newsGoogle News

Follow Now