High Court के फैसले को हरियाणा सरकार की चुनौती, Supreme Court में अपील दायर

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Supreme Court: हरियाणा सरकार ने पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट(High Court) के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) में अपील दायर की है। यह अपील हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन(HSSC) की ओर से भर्ती को लेकर अतिरिक्त  mark के कोटे के विरोध में की गई है।

बता दे कि High Court  ने 31 मई को सरकारी नौकरियों में सामाजिक-आर्थिक आधार पर दिए जाने वाले आरक्षण को असंवैधानिक घोषित कर दिया था। हरियाणा सरकार की ओर से आरक्षण के तहत उन परिवारों के आवेदकों को 5 अतिरिक्त अंक दिए जाते थे। जिस परिवार को कोई भी मेंबर सरकारी नौकरी में नहीं है ।

हजारों नौकरियों पर मडराया खतरा

2019 से पहले जो भी युवा Job पा चुके हैं, उन्हें इस फैसले से कोई नुकसान नहीं होगा। लेकिन आगे आने वाली नइ भर्तियों के लिए घातक बन सकता है। हाईकोर्ट के फैसले के बाद प्रदेश में हजारों नौकरियों का रास्ता साफ हो गया था।

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लेकिन High Court  के इस फैसले से 12 हजार युवाओं के भविष्य पर खतरा मंडरा रहा है। हाईकोर्ट के एडवोकेट रविंद्र ढुल ने बताया कि 2017 से हरियाणा में जो भी भर्तियां हो रही हैं। उन पर हाईकोर्ट का यह फैसला लागू होगा। हालांकि,

हरियाणा सरकार कहना है कि पहले भी हाईकोर्ट की डबल बेंच ने इस सामाजिक-आर्थिक आरक्षण को सही ठहराया था। अब फैसला फिर बदला गया है। हरियाणा सरकार सुप्रीम कोर्ट में इसी तर्क के आधार पर अपील की है।

नायब सैनी सरकार का मानना है कि डबल बेंच का फैसला केवल एक बड़ी बेंच यानी तीन जजों की बेंच द्वारा ही पलटा जा सकता है। लेकिन नई खंडपीठ भी दो जजों की बनाई गई थी, जिसने पहले की खंडपीठ के फैसले को बदल दिया था।

हाईकोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण संविधान के खिलाफ है। हाईकोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया था कि संविधान के अनुसार सामाजिक और आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ नहीं दिया जा सकता। हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए इस आरक्षण को रद्द कर दिया और साथ ही नियुक्तियों पर भी रोक लगा दी थी।