हरियाणा: हरियाणा में भ्रष्टाचार करने वालो की अब खेर नहीं है। मनोहर सरकार ने भ्रष्टाचारियों पर केस दर्ज करने की राह को सरकार ने और आसान कर दिया है। सरकार की ओर से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा-19 के तहत स्वीकृति जारी करने के लिए मानक प्रारूप निर्धारित कर दिए हैं।Haryana: Property Tax भरने का सुनहरा मौका! सरकार ने किया ये ऐलान
जांच के चलते लटके रहतै थे मामले: भ्रष्टाचार केस को दर्ज करने के लिए काफी लंबी प्रकिया से गुजरना पडता था। ऐसे मे भ्रष्टाचार करने वालो के होसले बुलंद होते जा रहे थे। अब केस दर्जन करने की प्रकिया में बदलाव किया जा रहा है।
जानिए क्या नया आदेश्
भ्रष्टाचार मामलों में आगे आवश्यक कार्रवाई करने के लिए राज्य सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा-19 (1) (बी) एपेंडिक्स-ए तथा धारा-19 (1) (सी) एपेंडिक्स-बी के तहत स्वीकृति जारी करने के लिए मानक प्रारूप निर्धारित किया है।
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यह स्पष्ट किया जाता है कि सक्षम प्राधिकारी इसे एक रेफरेंस के रूप में उपयोग कर सकते हैं। साथ ही सोच विचार कर स्वतंत्र रूप से अपना आदेश पारित कर सकते हैं।
राज्य के मुख्य सचिव कार्यालय की ओर से सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मंडल आयुक्तों व जिला उपायुक्तों को इस संबंध में पत्र जारी किया गया है। साथ ही सख्ती से इन आदेशों का पालन करने की अधिकारियों को हिदायत दी गई है।
देनी होगी मंजूरी
राज्य एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की ओर से विभागों को अभियोजन की मंजूरी देने के लिए जारी पत्र के 3 माह के अंदर-अंदर सक्षम प्राधिकारी को अभियोजन की मंजूरी देनी होती है। उन्होंने सख्त निर्देश दिए कि निर्धारित समय में मंजूरी दी जाए, ताकि आगामी कार्रवाई को जल्द अमल में लाया जा सके।
30 मामलों में मिल चुकी मंजूरी
दिसंबर 2022 में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की धारा 19 के तहत लंबित 30 अलग-अलग मामलों में विभागों या सक्षम प्राधिकारी द्वारा अधिकारियों, कर्मचारियों और आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के विरुद्ध चल रहे अक्टूबर माह तक के मामलों में अभियोजन की मंजूरी दी जा चुकी है।