Haryana Farmers News: हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण विभाग ने खरीफ 2025 सीजन के लिए एक अच्छा कदम उठाया है। सरकार ने ‘मेरा पानी मेरी विरासत’ (एमपीएमवी) योजना के तहत 1 लाख एकड़ क्षेत्र को कवर करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है।
राज्य की इस बड़ी पहल का उद्देश्य पानी की अधिक खपत वाली धान की खेती पर निर्भरता कम करना और पानी बचाने के लिए फसल विविधीकरण को बढ़ावा देना है। विभाग ने योजना के लिए जिलेवार लक्ष्य जारी किए हैं, जिसका उद्देश्य धान के स्थान पर कपास, मक्का, दलहन, तिलहन, सब्जियां, बागवानी फसलें, चारा और कृषि वानिकी जैसी वैकल्पिक फसलें उगाना है। धान की खेती से विविधीकरण का विकल्प चुनने वाले किसानों को 8,000 रुपये प्रति एकड़ की प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।
योजना के दिशा-निर्देशों के अनुसार, इन श्रेणियों के किसान पात्र हैं, जिन्होंने पिछले साल धान की खेती की थी और अब वैकल्पिक फसलों का विकल्प चुना है, जिन्होंने पिछले खरीफ सीजन में एमपीएमवी के तहत विविधीकरण किया था और वैकल्पिक फसलों की खेती जारी रख रहे हैं। साथ ही, जिन्होंने पिछले साल के अपने धान के खेतों को इस सीजन में परती छोड़ दिया है। हालांकि, जिन किसानों ने पिछले चार वर्षों में किसी भी समय एक ही खेत में गैर-धान फसलों की खेती की है, वे इस प्रोत्साहन के लिए पात्र नहीं होंगे। इच्छुक किसानों को एमएफएमबी पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा। पोर्टल से प्राप्त सत्यापन रिपोर्ट के आधार पर खरीद सीजन के बाद प्रोत्साहन राशि का वितरण किया जाएगा। हालांकि धान की रोपाई शुरू होने के बावजूद लक्ष्य जारी करने में देरी ने कुछ चिंता पैदा की है, लेकिन अधिकारी आशावादी हैं।

















